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चंद्रग्रहण के चलते 7 सितंबर को दोपहर से ही बंद होने लगेंगे काशी में मंदिरों के कपाट, आरती का भी समय बदला

काशी विश्वनाथ, कालभैरव और अन्नपूर्णा मंदिरों के कपाट समय से पहले होंगे बंद, चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 12:57 बजे से 

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वाराणसीभदैनी मिरर। चंद्रग्रहण का साफ असर 7 सितंबर को धार्मिक नगरी काशी में देखने को मिलेगा। परंपरा के अनुसार ग्रहण से पूर्व मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर पुनः 8 सितंबर को अपने निर्धारित समय से खुलेंगे। इस बार भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, मां अन्नपूर्णा, संकटमोचन, मां विशालाक्षी मंदिर और अन्य प्रमुख मंदिरों के कपाट समय से पहले बंद होंगे। वहीं काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव मंदिर के कपाट ग्रहण से डेढ़ घंटे पूर्व बंद किए जाएंगे।
काशी विश्वनाथ और अन्नपूर्णा-विशालाक्षी मंदिर
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने बताया कि परंपरा के अनुसार ग्रहण के ढाई घंटे पहले कपाट बंद होंगे। इस बार मंदिर की संध्या आरती 4:00 से 5:00 बजे, श्रृंगार भोग आरती 5:30 से 6:30 बजे और शयन आरती 7:00 से 7:30 बजे तक होगी। इसके बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मां अन्नपूर्णा और मां विशालाक्षी मंदिर भी इसी समय यानी शाम 7:30 बजे बंद कर दिए जाएंगे।
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कालभैरव मंदिर
काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव मंदिर के कपाट रात्रि 8:27 बजे बंद होंगे। सभी मंदिरों के कपाट आठ सितंबर को भोर में मंगला आरती के साथ पुनः खोले जाएंगे।
संकटमोचन, मणि और त्रिदेव मंदिर
संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने बताया कि मंदिर के कपाट 7 सितंबर को दोपहर की आरती के बाद बंद कर दिए जाएंगे और 8 सितंबर की मंगला आरती के बाद ही खुलेंगे। यही व्यवस्था मणि और त्रिदेव मंदिरों में भी रहेगी।
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बड़ा गणेश और दुर्गा मंदिर
लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर और दुर्गा मंदिर के कपाट दोपहर 2:00 बजे बंद हो जाएंगे। वहीं बनकटी हनुमान और दुर्ग विनायक मंदिर के कपाट दोपहर 12 बजे से ही बंद कर दिए जाएंगे।
सूतक का समय
पंचांगों के अनुसार 7 सितंबर को चंद्रग्रहण की शुरुआत रात 9:57 बजे होगी। इसका मध्य रात 11:41 बजे और मोक्ष 1:27 बजे (अर्द्धरात्रि के बाद) होगा। ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले यानी 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से ही लग जाएगा।
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