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प्रेमानंद महाराज के समर्थन में आए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, कहा- विरोध इस बात का संकते है कि कई...

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बागेश्वर धाम के प्रमुख, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज का खुलकर समर्थन किया है, जिनके हालिया बयान को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई थी। धीरेंद्र शास्त्री ने तीखे शब्दों में कहा, "प्रेमानंद जी का विरोध इस बात का संकेत है कि कई लोगों को 'पेट की बीमारी' हो गई है। यानी सच सुनने की ताकत नहीं बची।" उन्होंने कहा कि जिस दिन से प्रेमानंद महाराज को घेरा गया, उस दिन मेरे भीतर एक बात गहराई से बैठ गई, “इस देश में सच बोलना सबसे मुश्किल काम है।”

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समाज को देखने का नजरिया अलग-अलग होता है

शास्त्री ने यह भी कहा कि जो लोग सनातन धर्म को मानते हैं, उन्हें हम सही लगते हैं, लेकिन जो इसके विरोधी हैं, उनकी नजर में हम गलत हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी धर्मों, जातियों और वर्गों में अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोग होते हैं।

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प्रेमानंद के बयान पर बवाल क्यों?

हाल ही में प्रेमानंद महाराज ने एक कथन दिया था कि "आज के दौर में सौ में से मुश्किल से दो-चार लड़कियां ही पवित्र होती हैं, बाकी ‘गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड’ संस्कृति में फंसी हैं।" इस बयान ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया, और उन पर जमकर आलोचना हुई।

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‘बिना खुजली वाले भी अब खाज महसूस कर रहे हैं’ – धीरेंद्र शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री ने कटाक्ष करते हुए कहा, "पहले लगता था कि लोगों को हमसे दिक्कत इसलिए है क्योंकि हम थोड़ा टेढ़े हैं। पर अब लगता है कि हम तो बिना खुजली वालों को भी खाज कर देते हैं। यानी सच कहने की वजह से ही हम निशाने पर हैं।"

‘जातिवाद नहीं, राष्ट्रवाद की बात करते हैं’

उन्होंने साफ किया कि वे जातिगत राजनीति के खिलाफ हैं और राष्ट्र को सर्वोपरि मानते हैं। शास्त्री बोले, "जब हम मंच से हिंदू धर्म की बात करते हैं, तो लोगों को चुभता है। हवस के पुजारी की बात करें तो पूछते हैं, मौलवी क्यों नहीं? हम कहते हैं, हां, हवस का मौलवी भी हो सकता है, पास्टर भी हो सकता है। यही कहने का साहस शायद लोगों को बुरा लगता है।"

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