
Chandra Grahan 2025 : 34 वर्षों में पांचवीं बार दोपहर में ही हुई दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती, चंद्रग्रहण के कारण बदला समय


Chandra Grahan 2025 : वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती इस बार कुछ अलग रही। 7 सितंबर को लगने वाले चंद्रग्रहण के चलते शाम की जगह दोपहर में ही विशेष आरती संपन्न की गई। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि चंद्रग्रहण की वजह से दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल शुरू हो गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना नहीं होती, इसलिए संध्या आरती को पहले ही पूरा कर लिया गया। वहीं, सुबह की आरती अपने तय समय पर की गई।



गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी ने बताया कि जब भी चंद्रग्रहण या सूर्यग्रहण लगता है, तो सूतक काल से पहले ही आरती कराई जाती है। ग्रहण के दौरान और सूतक काल में धार्मिक अनुष्ठान स्थगित कर दिए जाते हैं। इस परंपरा के तहत इस बार भी विशेष गंगा आरती दोपहर में कराई गई।

आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और दिव्य वातावरण में मां गंगा की आराधना की। बदलते समय और परंपरा के अनोखे संगम ने आरती को और खास बना दिया।

