Chaitra Navratri 2025 : काशी में पूजी जाती है नौ गौरी, जानिए किस दिन कौन-सी देवी के दर्शन का है विधान और कहां स्थित है मंदिर..




Chaitra Navratri 2025 : वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है। यह धर्म और आस्था की नगरी है। मान्यता है कि यह शहर भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थित है और जहां शिव होंगे, वहां देवी गौरी का वास भी होगा। काशी में नौ गौरी के रूपों की पूजा का विशेष महत्व है। चैत्र नवरात्र के दौरान भक्त इन नौ स्वरूपों के दर्शन कर पुण्य अर्जित करते हैं। आइए जानते हैं कि इन नौ गौरी के मंदिर कहां स्थित हैं और किस दिन उनकी पूजा की जाती है।

आए जानते है कौन सी देवी का मंदिर कहां स्थित है
1. मुख निर्मालिका गौरी
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मुख निर्मालिका गौरी की पूजा का विधान है। इनका मंदिर गायघाट स्थित हनुमान मंदिर में स्थित है। इस दिन शक्ति उपासक माता शैलपुत्री के दर्शन भी करते हैं, जिनका मंदिर अलईपुर क्षेत्र में स्थित है।
2. ज्येष्ठा गौरी
दूसरे दिन ज्येष्ठा गौरी के दर्शन का महत्व बताया गया है। इनका मंदिर कर्णघंटा के सप्तसागर क्षेत्र में स्थित है। इसी दिन शक्ति उपासक माता ब्रह्मचारिणी का पूजन करते हैं, जिनका विग्रह ब्रह्माघाट इलाके में स्थित है।

3. सौभाग्य गौरी
तीसरे दिन सौभाग्य गौरी की पूजा की जाती है। इनका मंदिर ज्ञानवापी क्षेत्र के सत्यनारायण मंदिर में स्थित है। शक्ति उपासक इस दिन माता चंद्रघंटा के दर्शन करते हैं, जिनका मंदिर चौक क्षेत्र में स्थित है।
4. श्रृंगार गौरी
चौथे दिन श्रृंगार गौरी के पूजन का विधान है। इनका मंदिर ज्ञानवापी परिसर में स्थित है। इसी दिन माता कूष्मांडा की आराधना की जाती है, जिनका मंदिर दुर्गाकुंड क्षेत्र में स्थित है।

5. विशालाक्षी गौरी
पांचवें दिन विशालाक्षी गौरी की आराधना का महत्व बताया गया है। इनका मंदिर मीरघाट क्षेत्र के धर्मकूप इलाके में स्थित है। शक्ति उपासक इस दिन माता स्कंदमाता की पूजा करते हैं, जिनका मंदिर जैतपुरा क्षेत्र में स्थित है।
6. ललिता गौरी
छठे दिन ललिता गौरी के दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है। इनका मंदिर ललिता घाट क्षेत्र में स्थित है। इसी दिन शक्ति उपासक माता कात्यायनी के दर्शन करते हैं, जिनका मंदिर संकठा गली में बाबा आत्म विशेश्वर मंदिर के अंदर स्थित है।
7. भवानी गौरी
सातवें दिन भवानी गौरी की पूजा होती है। इनका मंदिर विश्वनाथ गली स्थित श्रीराम मंदिर में है। इस दिन माता कालरात्रि के दर्शन का महत्व भी बताया गया है, जिनका मंदिर कालिका गली में स्थित है।
8. मंगला गौरी
आठवें दिन मंगला गौरी की आराधना का विधान है। इनका मंदिर पंचगंगा घाट क्षेत्र में स्थित है। शक्ति उपासक इस दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा करते हैं, जिनका प्रसिद्ध मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप स्थित है।
9. महालक्ष्मी गौरी
चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन महालक्ष्मी गौरी के दर्शन-पूजन का महत्व बताया गया है। इनका मंदिर लक्सा क्षेत्र के लक्ष्मीकुंड पर स्थित है। इस दिन शक्ति उपासक माता सिद्धिदात्री की आराधना करते हैं, जिनका मंदिर बाबा कालभैरव मंदिर के पास गोलघर क्षेत्र में स्थित है।
काशी में स्थित ये नौ गौरी मंदिर न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह श्रद्धालुओं को शक्ति और आस्था का अद्भुत अनुभव प्रदान करते हैं। चैत्र नवरात्र में भक्त इन मंदिरों में दर्शन कर विशेष पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं।

