
श्रद्धालुओं के लिए खुला बद्रीनाथ का कपाट, शंकराचार्य ने दिया आध्यात्मिक चेतना का संदेश




Badrinath Dham : वैशाख शुक्ल सप्तमी के पावन अवसर पर आज प्रातः 6 बजे भगवान बदरीनाथ जी के कपाट विधिवत रूप से श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। कपाटोद्घाटन से पूर्व मंदिर में परंपरागत पंचांग पूजन ज्योतिर्मठ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल जी द्वारा संपन्न किया गया।

इस शुभ अवसर पर ज्योतिर्मठ के 55वें शंकराचार्य, उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती '1008' महाराज स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में बदरीनाथ धाम की यात्रा करें और इस तीर्थ की कठिन यात्रा को आध्यात्मिक साधना के रूप में स्वीकारें।


शंकराचार्य का संदेश: लौकिक नहीं, आत्मिक सुख की खोज करें
शंकराचार्य ने कहा, *"बदरीनाथ धाम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, यह आत्मिक आनंद प्राप्त करने का केंद्र है। लौकिक सुख क्षणिक होता है, लेकिन यहां प्राप्त आध्यात्मिक आनंद जीवन भर शांति प्रदान करता है। इसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता, इसे केवल अनुभव किया जा सकता है।"

उन्होंने यात्रियों से अनुरोध किया कि यात्रा के दौरान संयम, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखें, साथ ही भगवान के नाम का संकीर्तन करते हुए मौन भाव से दर्शन करें।
मुख्य पुजारी अमरनाथ नम्बूदरी करेंगे छह महीने तक सेवा
अगले छह महीनों तक भगवान बदरीनाथ की पूजा-अर्चना मुख्य पुजारी अमरनाथ नम्बूदरी द्वारा की जाएगी। इस अवसर पर निवर्तमान रावल ईश्वरप्रसाद नम्बूदरी, स्वामी संविदानंद गिरि, प्रत्यक्चैतन्यमुकुन्दानन्द गिरि, शारदानंद ब्रह्मचारी, वेदपाठी रवींद्र भट्ट, अमित बंदोलिया, जिलाधिकारी संदीप तिवारी और मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहे।
बदरीनाथ धाम के कपाट छह महीने तक खुले रहेंगे और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस पावन धाम के दर्शन के लिए पहुंचेंगे।

