
सावन के अंतिम सोमवार बाबा विश्वनाथ का होगा रुद्राक्ष श्रृंगार, पूर्णिमा पर झूला दर्शन की तैयारी
कांवड़ियों और भक्तों के लिए योगी सरकार की विशेष व्यवस्था, भक्ति और आस्था में डूबी काशी

Updated: Aug 3, 2025, 20:46 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर। सावन का पावन महीना काशी में आस्था और उत्साह का पर्व लेकर आया है। इस बार श्रावण मास के चौथे और अंतिम सोमवार, 4 अगस्त को श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा का भव्य रुद्राक्ष श्रृंगार होगा। भक्तों को सायंकालीन आरती के दौरान महादेव के इस अलौकिक स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य मिलेगा। वहीं, 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा पर बाबा का वार्षिक झूला श्रृंगार भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देगा। 

श्रावण मास के विशेष श्रृंगार
श्रावण मास में हर सोमवार को बाबा विश्वनाथ के अलग-अलग स्वरूपों का विशेष श्रृंगार होता है। इस बार पहले सोमवार को चल प्रतिमा, दूसरे सोमवार को गौरी-शंकर, तीसरे सोमवार को अर्धनारीश्वर स्वरूप में बाबा ने दर्शन दिए। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि अंतिम सोमवार को बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार भक्तों के लिए विशेष आकर्षण होगा।


कांवड़ियों और भक्तों के लिए विशेष इंतजाम
योगी सरकार ने कांवड़ियों और भक्तों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए घाटों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मंदिर मार्गों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। नो व्हीकल जोन मैदागिन और गोदौलिया से लागू है, वृद्ध और दिव्यांग भक्तों के लिए फ्री गोल्फ कार्ट सेवा उपलब्ध है।


कांवड़ मार्ग पर अस्थाई पुलिस चौकियां, ड्रोन निगरानी, महिला कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस बल, और चिकित्सा शिविर की व्यवस्था की गई है। खोया-पाया केंद्र, ओआरएस, गुड़ और पानी के वितरण के साथ कांवड़ शिविर सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं।
भक्ति में डूबी काशी

सावन में बाबा विश्वनाथ के दर्शन का विशेष महत्व है। रविवार रात से ही मंदिर मार्ग पर भक्तों की लंबी कतारें लगने लगीं। भक्तों के लिए सावन का हर सोमवार एक आध्यात्मिक उल्लास का अवसर है। इस बार रुद्राक्ष श्रृंगार और झूला दर्शन के साथ यह सावन भक्तों के लिए अविस्मरणीय बन जाएगा।

