महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र, प्रोफेसर श्री प्रकाश शुक्ला और डॉक्टर विंध्याचल यादव ने किया उद्घाटन
वाराणसी। श्री संकटमोचन संगीत समारोह कला दीर्घा 2024 का उद्घाटन हनुमंत बाबा के अंगनई में शनिवार को किया गया। कला दीर्घा का उद्घाटन महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र, बीएचयू के प्रोफेसर श्री प्रकाश शुक्ला और डॉक्टर विंध्याचल यादव ने उद्घाटन किया.
कला दीर्घा में हनुमान जी देश के विभिन्न राज्यों से कलाप्रेमियों की करीब ढाई सौ कलाकृतियां लगाई गई है. जिसमें चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी विशेष है।
उद्घाटन सत्र में महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र ने कलाकारों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हनुमान जी के विभिन्न लीलाओं की कलाकृति रामचरित मानस को मानस पटल पर ला रही है. संगीत समारोह में संगीत से भगवान को रिझाने और कलादीर्घा में भगवान के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन हो रहा है.
इस दौरान श्रीप्रकाश शुक्ला ने कहा कि संगीत और कला का यह अद्भुत संगम बर्बस ही क्लाप्रेमियो को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. कलाकारों ने अपनी कलाकृति से हनुमान जी के चरणों में हाजिरी लगाई है.
इस दौरान कला दीर्घा के समन्वयक प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने कहा कि कलाकारों ने दस दिन की कड़ी मेहनत का परिणाम है. दिन प्रतिदिन कला दीर्घा अपने नए ऊंचाइयों को जा रहा है. यह अंगनाई अब नवांकुर कलाकारों के लिए सीखने और अपनी कलाओं को प्रदर्शित करने का बड़ा मंच बन गया है. कला दीर्घा अनिल शर्मा की देखरेख में सजाया गया है. इसमें प्रदीप कुमार, उदय पॉल, शिव पॉल, प्रवीण पटेल, योगेश, इंद्रनील, अभिनव, राहुल बाबा, मानती शर्मा, कुसुम और अंकिता जायसवाल का विशेष सहयोग रहा।