Home अध्यातम सैन्यकर्मी से बोले संत प्रेमानंद महराज- आपकी दया राष्ट्र के लिए बड़ी चूक हो सकती है

सैन्यकर्मी से बोले संत प्रेमानंद महराज- आपकी दया राष्ट्र के लिए बड़ी चूक हो सकती है

by Bhadaini Mirror
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Sant Premanand ji: दया, करुणा और लोकहित की बात करने वाले राधा रानी के अनन्य भक्त संत प्रेमानंद जी महाराज ने एक सैन्यकर्मी से कहा कि आपकी दया भावना राष्ट्र, समाज और खुद आपके जीवन के लिए भारी पड़ सकता है. उन्होंने महाभारत के लोकप्रिय वाक्यांश “धर्मो रक्षति रक्षितः” से उदाहरण भी दिया.

संत प्रेमानंद महराज से मिलने एक सैन्यकर्मी पहुंचे. उन्होंने महराज श्री से प्रश्न किया कि उनकी तैनाती एक ऐसे स्थान पर है, जहां मिलिटेंसी एरिया में काम करना पड़ता है जहां आतंकवादी भी होते हैं. इस दौरान किसी आदमी पर शक होने पर सच बुलवाने के लिए काफी सारे तरीकों का इस्तेमाल करना पड़ता है, उस दौरान बेकसूर को भी यातना देनी पड़ जाती है.

जिसके जवाब में संत प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि आप राष्ट्रीय सुरक्षा के नियमानुसार उस क्षेत्र में पाए गए व्यक्ति को शंका की दृष्टि से देखकर निशंक होने के लिए आप कई प्रकार के दंड विधान करके देख लिया कि वह अपराधी नहीं है तो आप अब जाइए, तो यह उसका पूर्व का किया हुआ कोई पाप है जो इस रुप में उसे मिला.

बड़ी चूक हो सकती है दया

संत प्रेमानंद जी महाराज ने आगे कहा कि आप जिस क्षेत्र में है वहां ‘दया’ बहुत बड़ी चूक हो सकती है. यह चूक हमारे राष्ट्र के लिए, समाज के लिए और आपके खुद के जीवन के लिए. उन्होंने महाभारत के लोकप्रिय वाक्यांश “धर्मो रक्षति रक्षितः” से उदाहरण देते हुए कहा कि वह आपका धर्म है. जब आप धर्म की रक्षा के लिए कार्य करते है तो कोई भी संशय न पालिए, धर्म आपका निःसंदेह रक्षा करेगा.

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