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संसद की स्थायी समिति से मिला छात्रों का प्रतिनिधिमंडल, संसद में BHU ट्रामा सेंटर का मुद्दा उठाने का दिया भरोसा

दिग्विजय सिंह बोले– महामना की संस्था को बचाना राष्ट्रीय दायित्व

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समिति अध्यक्ष दिग्विजय सिंह समेत कई सांसदों को सौंपा गया ज्ञापन

लोकतांत्रिक संस्थाओं की बहाली और ट्रॉमा सेंटर की धांधलियों पर हुई चर्चा

वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय  (BHU) की वर्तमान शैक्षणिक और प्रशासनिक समस्याओं को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने संसद की स्थायी समिति (शिक्षा, महिला, युवा, बालक तथा खेल संबंधी) से वाराणसी दौरे के दौरान मुलाकात की। इस शिष्टमंडल का नेतृत्व BHU छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला कर रहे थे।

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प्रतिनिधिमंडल ने समिति के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को विश्वविद्यालय से जुड़ी अनियमितताओं, लोकतांत्रिक संस्थाओं की बहाली और ट्रॉमा सेंटर की दशा पर विस्तृत ज्ञापन सौंपा।

दिग्विजय सिंह ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और कहा,

“महामना मालवीय जी की यह संस्था लोकशक्ति से निर्मित एक राष्ट्रीय धरोहर है। इसे बचाना हम सबका दायित्व है। समिति अपने स्तर पर हर आवश्यक सिफारिश संसद में रखेगी।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संसद की स्थायी समिति किसी भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर BHU में व्यवस्थागत त्रुटियों को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

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लोकसभा सांसद राजीव राय का बड़ा बयान:

BHU एक्ट के लोकतांत्रीकरण की मांग करते हुए सांसद राजीव राय ने कहा, “विश्वविद्यालय पिछले छह दशकों से एक अलोकतांत्रिक अधिनियम के तहत संचालित हो रहा है। अब समय आ गया है कि छात्रसंघ, कर्मचारी संघ, अध्यापक संघ और अधिकारी संघ के नियमित चुनाव बहाल किए जाएं।”
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रॉमा सेंटर में हो रही धांधलियों को संसद में उठाया जाएगा, ताकि मरीजों के हितों की रक्षा हो सके। उन्होंने मंगलवार को ही अपने एक्स (पहले ट्वीटर) अकाउंट से ही ट्रामा सेंटर प्रभारी की नियुक्ति और बाउंसरों की तैनाती पर सवाल खड़े किये थे। 

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रेखा शर्मा और अन्य सांसदों ने भी जताई चिंता

लोकसभा सदस्य रेखा शर्मा ने छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा कि समिति प्रशासनिक दमन का शिकार हो रहे छात्रों, चिकित्सकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि BHU को केंद्र सरकार ने ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का दर्जा दिया है और इसके अनुरूप आचरण करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
प्रतिनिधिमंडल ने समिति के अन्य सदस्यों – भीम सिंह, हेमांग जोशी, शोभाबेन एम बरैया, बृजमोहन अग्रवाल, विकास रंजन भट्टाचार्य और अमरदेव शरदराव काले से भी मुलाकात की और उन्हें भी लिखित ज्ञापन और साक्ष्य सौंपे।

 मिलने वाले छात्र प्रतिनिधि मंडल में डॉ. कुँवर पुष्पेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. मृत्युंजय तिवारी 'आज़ाद',  डॉ. शुभम तिवारी, अभय सिंह मिक्कू, हर्ष तिवारी, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. हर्षवर्धन सिंह, ह्रदयानन्द यादव, पीयूष शुक्ल, हर्षवर्धन त्रिपाठी, रितेश सिंह और नरेंद्र पटेल शामिल रहे। 

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