Movie prime
Ad

Varanasi: पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग, अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी व मुख्य सचिव को भेजा पत्र

मालवीय प्रतिमा पर वायरल वीडियो मामले में दर्ज मुकदमों को बताया पत्रकारिता पर हमला, पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की भी मांग

Ad

 
Amitabh Thakur
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सिंहद्वार पर स्थित मालवीय जी की प्रतिमा से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकारों पर दर्ज एफआईआर की चारो ओर निंदा हो रही है। कांग्रेस पार्टी के यूपी अध्यक्ष अजय राय के बयान के बाद अब पूर्व आईपीएस अफसर और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने भीदर्ज एफआईआर की निन्दा करते हुए डीजीपी को पत्र भेजा है। आजाद अधिकार सेना ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को पत्र भेजकर एफआईआर तत्काल वापस लेने और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

Ad

क्या था मामला?

वाराणसी के संकटमोचन चौकी क्षेत्र में बीएचयू सिंह द्वार स्थित मालवीय प्रतिमा की सफाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में प्रतिमा पर एक व्यक्ति संदिग्ध ढंग से चढ़ा दिखाई दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय पत्रकारों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अधिकारियों से संज्ञान लेने और कार्रवाई की मांग की थी।

Ad
Ad

चौकी इंचार्ज ने दर्ज किया आईटी एक्ट में केस

पत्र के अनुसार, चौकी प्रभारी, संकटमोचन द्वारा थाना लंका में पत्रकारों के विरुद्ध आईटी एक्ट के आलावा बीएनएस की धारा 356(3) और 196(1) तहत दर्ज किये गए। पुलिस का आरोप है कि पत्रकारों ने यह वीडियो पोस्ट कर “लोगों में द्वेष फैलाया” और “उकसाने का प्रयास किया।”

Ad

अमिताभ ठाकुर की प्रतिक्रिया

अपने पत्र में अमिताभ ठाकुर ने लिखा है कि— “वीडियो में कोई भड़काऊ बात नहीं है। पत्रकारों ने मात्र अपना कर्तव्य निभाते हुए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया। इस प्रकार एफआईआर दर्ज किया जाना प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।” उन्होंने इसे “उत्तर प्रदेश में पुलिसिया राज्य के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक” बताया और इस कार्रवाई को “निंदनीय” करार दिया।

मांगें क्या की गई हैं?

1. पत्रकारों पर दर्ज दोनों मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं
2. झूठे मुकदमे दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए

life line hospital new
Ad

Ad