
सरकारी स्कूल बंद करने के फैसले और दलित उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ आजाद समाज पार्टी ने राज्यपाल को संबोधित सौंपा ज्ञापन
चंद्रशेखर आजाद के निर्देश पर वाराणसी में सौंपा गया ज्ञापन, प्राथमिक विद्यालयों के विलय का विरोध, कौशांबी और प्रयागराज की घटनाओं की CBI जांच की मांग




वाराणसी,भदैनी मिरर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 27,965 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के फैसले और हाल ही में कौशांबी व प्रयागराज जिलों में हुई दलित उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने विरोध जताते हुए महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है।


यह ज्ञापन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद के निर्देश पर वाराणसी में जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को प्रेषित किया गया।
यह रहीं मांगे-
स्कूल बंद करने के निर्णय पर आपत्ति:
पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हजारों सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को बंद करना संविधान के अनुच्छेद 21-ए, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, और अनुच्छेद 46 के खिलाफ है। यह गरीबों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है।
इसलिए सरकार स्कूलों को बंद करने का निर्णय तत्काल वापस ले।


कौशांबी और प्रयागराज की घटनाओं की CBI जांच की मांग:
कौशांबी के लॉहदा गांव, थाना सैनी में 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को न्याय देने की मांग की गई।
प्रयागराज के इसौटा गांव, थाना करछना में दलित युवक को ज़िंदा जलाकर मारने की घटना पर आक्रोश जताते हुए, आरोप लगाया गया कि इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण है।

ज्ञापन में 29 जून 2025 को करछना में पुलिस द्वारा कथित रूप से निर्दोष लोगों पर लाठीचार्ज, पत्थरबाजी, वाहन जलाने की घटनाओं और दलित युवक सुनील कुमार गौतम की मौत पर भी गंभीर चिंता जताई गई। इन सभी घटनाओं की निष्पक्ष CBI जांच की मांग की गई है।
ज्ञापन में इसौटा गांव के उन लोगों की तत्काल रिहाई की मांग की गई है जिन्हें पुलिस ने बिना प्रमाण के गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार से स्थानीय स्तर पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए ठोस उपाय करने की अपील की गई।

