
राजनीतिक भूचाल के बीच सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आजम खान और अब्दुल्ला को राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, फर्जी पासपोर्ट और पैन कार्ड मामले में अब नहीं होगी सुनवाई; यूपी सरकार को जारी हुआ नोटिस




नई दिल्ली/रामपुर। सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को बड़ी राहत दी है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत को अब्दुल्ला से जुड़े दो मामलों — फर्जी पासपोर्ट और पैन कार्ड — में कार्यवाही आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे।


न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
हाईकोर्ट ने याचिकाएं की थीं खारिज
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 जुलाई को अब्दुल्ला आजम की उन दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिनमें उन्होंने आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने की मांग की थी। अदालत ने कहा था कि परिस्थितियों को देखते हुए याचिका निराधार है।


क्या हैं आरोप?
पहला मामला अब्दुल्ला के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट बनवाने का है। शिकायत के अनुसार, अब्दुल्ला ने 2018 में जो पासपोर्ट बनवाया, उसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है, जबकि शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में यह तिथि 1 जनवरी 1993 है।
दूसरा मामला दो पैन कार्ड रखने का है। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में एफआईआर दर्ज कराई थी कि अब्दुल्ला ने 2017 विधानसभा चुनावों में दिए हलफनामे में एक पैन नंबर दिखाया जबकि आयकर दस्तावेजों में दूसरा पैन नंबर इस्तेमाल किया गया।

आजम खान पर भी गंभीर आरोप
एफआईआर में अब्दुल्ला के साथ आजम खान को भी आरोपी बनाया गया है। सक्सेना का आरोप है कि आजम खान ने बेटे को चुनाव लड़वाने के लिए गलत दस्तावेजों का सहारा लिया और निर्वाचन आयोग से तथ्य छिपाए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य है और फिलहाल कार्यवाही पर रोक जरूरी है ताकि याचिकाकर्ता को अनुचित दंड से बचाया जा सके। अगली सुनवाई की तिथि जल्द तय की जाएगी।

