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वाराणसी में बिजली कर्मचारियों का सत्याग्रह आंदोलन स्थगित, कल होगी निर्णायक वार्ता

पांच सूत्रीय मांगों और ट्रांसफर घोटाले पर चर्चा के लिए संघर्ष समिति और पूर्वांचल विद्युत प्रबंधन के बीच गुरुवार सुबह 10:30 बजे होगी वार्ता, पूरे प्रदेश में आंदोलन की चेतावनी जारी

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Varanasi News
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वाराणसी, भदैनी मिरर। 
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के आंदोलन के सामने आखिरकार विद्युत विभाग को झुकना पड़ा है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले वाराणसी में चल रहे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन को देर रात मुख्य अभियंता एवं जिला प्रशासन द्वारा वार्ता के प्रस्ताव के बाद अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।
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संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अंकुर पांडेय ने बताया कि गुरुवार सुबह 10:30 बजे संघर्ष समिति और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के बीच पांच सूत्रीय मांगों और कर्मचारियों के कथित उत्पीड़न एवं स्थानांतरण घोटाले को लेकर अहम वार्ता होगी।
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मुख्य मांगे और आंदोलन की वजह
संघर्ष समिति ने बिजली विभाग पर निजीकरण के दबाव में कार्य करने, मनमाने ट्रांसफर आदेश, और लेनदेन जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। समिति ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं होता।
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निजीकरण का विरोध 
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि निजी घरानों के दबाव में विद्युत नियामक आयोग से पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर जल्दबाजी में अभिमत देने का प्रयास हो रहा है। इसके विरोध में सैकड़ों बिजली कर्मचारियों ने आयोग के लखनऊ स्थित कार्यालय के बाहर मौन प्रदर्शन किया और “कारपोरेट के दबाव में निजीकरण स्वीकार्य नहीं” जैसे संदेश तख्तियों पर लिखे।
ट्रांसफर घोटाले का आरोप और ऑडियो वायरल
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि ट्रांसफर आदेशों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। एक वायरल ऑडियो में ऊर्जा मंत्री और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी के बीच कथित बातचीत से स्थिति और भी गरमा गई है। कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर बैठकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया तो प्रबंधन ने ताला लगवा दिया, जिससे कर्मचारियों में और आक्रोश फैल गया।
इस आंदोलन की लहर पूरे प्रदेश में फैल गई है। आज वाराणसी समेत आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, बरेली, नोएडा, गाजियाबाद, झांसी, ओबरा, अनपरा जैसे कई शहरों में हजारों बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतर आए।
22 जून को होगीबिजली महापंचायत
संघर्ष समिति के संयोजक *शैलेन्द्र दुबे* ने बताया कि आगामी 22 जून को लखनऊ में आयोजित होने वाली बिजली महापंचायत में निजीकरण के प्रभावों और संभावित मेगा घोटाले पर भी खुलासा किया जाएगा।
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