
BHU की नई एग्जीक्यूटिव काउंसिल में भाजपा नेताओं की नियुक्ति पर आक्रोश, NSUI ने किया प्रदर्शन
एनएसयूआई ने किया केंद्रीय कार्यालय का घेराव, सुरक्षाकर्मियों ने बंद किया गेट




वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एग्जीक्यूटिव काउंसिल में शिक्षाविदों की जगह भाजपा से जुड़े पदाधिकारियों की कथित नियुक्ति को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने मंगलवार को बीएचयू के केंद्रीय कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान छात्र संगठन ने नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।


प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे छात्र सुमन आनंद ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की नई कार्यकारिणी में ऐसे लोगों को नामित किया गया है जिनका शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि परिषद में शामिल कुछ सदस्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़े रहे हैं, जिनमें भूमि कब्जा, शराब कारोबार और यहां तक कि बलात्कार के आरोपी व्यक्तियों के साथ संबंध होने के आरोप भी लगाए गए।


“यह बदलाव नहीं, विवि संग मज़ाक है- सुमन आनंद
सुमन आनंद ने आगे कहा कि पहले बीएचयू की कार्यकारिणी में देश के प्रतिष्ठित शिक्षाविद और शोधकर्ता शामिल होते थे, जबकि अब उनके स्थान पर ऐसे लोगों को लाया जा रहा है जिन पर गंभीर आपराधिक आरोप लगे हैं। उन्होंने विशेष रूप से दिलीप पटेल का सक्षम पटेल के रिश्ते की चर्चा करते हुए कहा इन व्यक्तियों का इतिहास संदिग्ध है और इन्हें एग्जीक्यूटिव काउंसिल में स्थान देना विश्वविद्यालय की गरिमा को धूमिल करता है।

रेप केस और भूमाफिया से जुड़े गंभीर आरोप
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि बीएचयू के आईआईटी संकाय में हुए एक रेप केस के आरोपी को संरक्षित किया गया और उसके समर्थकों को विश्वविद्यालय की निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया गया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी अब बलात्कारियों और भूमाफियाओं के सहयोगियों से भरेगी?
एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन, मानव संसाधन विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, और केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण और जवाबदेही की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि जब तक उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिलेगा, वे विश्वविद्यालय परिसर में विरोध जारी रखेंगे।
छात्र संगठन की यह
- एग्जीक्यूटिव काउंसिल में पारदर्शिता और शिक्षाविदों की नियुक्ति
- आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को हटाया जाए
- विश्वविद्यालय को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त किया जाए
- छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए


