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‘मोदी और अमित शाह को तो हरा नहीं पाते’- खड़गे की RSS पर बैन मांग पर बोले बाबा रामदेव

योग गुरु बोले — “RSS कोई राजनीतिक पार्टी नहीं, राष्ट्रवादी संगठन है”; कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा था, “मेरे निजी विचार में आरएसएस पर बैन लगना चाहिए”

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नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सियासत गर्मा गई है। योग गुरु बाबा रामदेव ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग भारत और भारतीयता से असहमत हैं, वही इस तरह के एजेंडे चलाते हैं।

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उन्होंने कहा, “आरएसएस कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। बीजेपी उसका राजनीतिक विंग है। लड़ाई करनी है तो अमित शाह और मोदी जी से करो। उनको हरा नहीं पाते, इसलिए आरएसएस पर अभद्र टिप्पणियां करते रहते हैं।”

“RSS में तपस्वी और राष्ट्रभक्त लोग हैं” — बाबा रामदेव

दिल्ली में एएनआई से बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने आरएसएस को पिछले दो-तीन दशकों से करीब से देखा है। “आरएसएस, आर्य समाज की तरह ही एक राष्ट्रवादी संगठन है। डॉ. हेडगेवार से लेकर गुरुजी गोलवलकर तक कई महान लोगों ने इसकी नींव रखी। आज भी लाखों संघ कार्यकर्ता देशहित में काम कर रहे हैं। जब देशविरोधी या सनातन विरोधी ताकतें RSS का विरोध करती हैं, तो इसके पीछे उनका कोई छिपा हुआ एजेंडा होता है।”

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खड़गे ने क्या कहा था?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर कहा था कि, “मेरा व्यक्तिगत विचार है कि आरएसएस पर फिर से बैन लगाया जाना चाहिए। देश में जो कानून व्यवस्था की समस्याएं हैं, उनके लिए यही संगठन जिम्मेदार है।”

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उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने आरएसएस को लेकर जो बातें कही थीं, वही आज भी प्रासंगिक हैं। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सरदार पटेल के विचारों का सम्मान करते हैं, तो उन्हें इस संगठन पर बैन लगाना चाहिए।

कांग्रेस और सपा नेताओं के भी आए बयान

  • अखिलेश यादव ने कहा, “भाजपा को याद रखना चाहिए कि आरएसएस पर सरदार पटेल ने ही प्रतिबंध लगाया था। आज देश में फिर कोई सरदार पटेल चाहिए जो ऐसी विचारधारा पर रोक लगाए।”
     
  • वहीं, खड़गे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से अनुरोध किया था कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी आरएसएस या उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियों में हिस्सा न लें। 
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