
BHU कार्यकारिणी में राजनीतिक दखल पर भड़के अजय राय, बोले- RSS का अड्डा बन रहा है महामना की बगिया
BHU शिक्षा का केंद्र नहीं, अब भ्रष्टाचार और राजनीतिक षड्यंत्र का बन रहा गढ़, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष का बड़ा आरोप




वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की कार्यकारिणी परिषद (Executive Council) में भाजपा नेताओं की नियुक्ति पर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने आज 25 जुलाई को अपने लहुराबीर स्थित कैंप कार्यालय में प्रेस वार्ता कर इसे 'RSS एजेंडे की घुसपैठ' बताया। उन्होंने कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय की स्थापना को "राजनीतिक रंग" देना शर्मनाक है।


प्रेस वार्ता की शुरुआत BHU के संस्थापक मदन मोहन मालवीय जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि से हुई। अजय राय ने कहा कि कार्यकारिणी परिषद में पूर्व केंद्रीय मंत्री, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष और शहर के मेयर को शामिल करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अजय राय ने कहा कि “BHU को शिक्षा और शोध का अंतरराष्ट्रीय केंद्र माना जाता है। लेकिन आज इसे भाजपा-आरएसएस के ठिकाने में बदला जा रहा है। कार्यपरिषद में शिक्षाविद, वैज्ञानिक, पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोग होने चाहिए, न कि राजनेता।” उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय परिषद में केवल उच्च शिक्षाविद और विशेषज्ञ शामिल होते थे। लेकिन अब संस्थान की गरिमा को गिराने का काम किया जा रहा है।


भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के आरोप:
अजय राय ने आरोप लगाया कि BHU में MRI टेंडर, GEM पोर्टल की अनदेखी, महंगे दवाइयों की खरीद, और CCI लैब जैसी सेवाओं को निजी कंपनियों को सौंपने जैसे मामलों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। “250 करोड़ सालाना अनुदान के बावजूद मरीजों को दवाएं और भोजन नहीं मिल रहा, ICU की हालत जर्जर है और CCI लैब का निजीकरण करके गरीबों को लूटा जा रहा है।”

अजय राय ने की यह माँग
- कार्यपरिषद में से भाजपा नेताओं को हटाया जाए
- नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और योग्यता आधारित बनाया जाए
- भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए
प्रेस वार्ता में अजय राय (प्रदेश अध्यक्ष), राजेश्वर पटेल (जिलाध्यक्ष), राघवेंद्र चौबे (महानगर अध्यक्ष), फसाहत हुसैन, मनीष मोरोलिया, सतनाम सिंह, अरुण सोनी, प्रमोद वर्मा, शुभम राय प्रमुख नेता मौजूद रहे।

