
अभाविप का दावा आंदोलन के बाद सरकार सख्त, बाराबंकी कांड में हुई कार्रवाई
शिक्षा सुधार को लेकर योगी सरकार के ऐलान को बताया प्रदेशव्यापी आंदोलन का असर


वाराणसी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के काशी प्रान्त के पदाधिकारियों ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिक्षा सुधार के लिए योगी सरकार के ऐलान को प्रदेशव्यापी छात्र आंदोलन का असर बताया। दावा किया कि अब उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों पर साफ दिखाई देने लगा है। बाराबंकी जिले स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और अवैध पाठ्यक्रमों के मुद्दे पर अभाविप द्वारा छेड़े गए आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है।



प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षा सुधार के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। इनका काम मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की व्यापक जांच करना होगा।
गत माह विश्वविद्यालय प्रशासन पर अवैध पाठ्यक्रम, लॉ डिग्री की मान्यता को लेकर धोखाधड़ी, छात्रों से अवैध फीस वसूली और 15 अगस्त की 'सतत तिरंगा यात्रा' का विरोध जैसे आरोप लगे थे। इन्हीं मुद्दों पर अभाविप कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों ने प्रदर्शन किया, जिसके दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता घायल हो गए।

इसके बाद काशी प्रांत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, गाजीपुर समेत कई जिलों में अभाविप कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस, हस्ताक्षर अभियान और ट्विटर ट्रेंड जैसे कार्यक्रमों के जरिए आंदोलन को प्रदेशव्यापी बनाया।

मुख्यमंत्री से अभाविप की मुलाकात
इस घटना के बाद अभाविप प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि शिक्षा माफिया किसी भी कीमत पर नहीं बचेंगे और छात्रहित सर्वोपरि है। उन्होंने बताया कि: अब तक 6 उपद्रवियों की गिरफ्तारी हुई है। सीओ, इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज समेत 6 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला। उच्च शिक्षा परिषद की ओर से विश्वविद्यालय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। निष्कासित छात्रों का निष्कासन रद्द किया गया।
अभाविप की मांगें और रुख
अभाविप प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री से सार्थक वार्ता हुई है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा मिला है। संगठन ने यह भी मांग की है कि छात्रों से की गई अवैध वसूली की जांच हो, निष्कासित छात्रों को सम्मानपूर्वक पुनः प्रवेश दिया जाए और अवैध कब्जे पर पूरी तरह बुलडोजर चलाया जाए। अभाविप ने स्पष्ट किया है कि जब तक छात्रों को संपूर्ण न्याय नहीं मिलता, संघर्ष जारी रहेगा। प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रशांत राय, प्रांत शोध संयोजक सर्वेश सिंह और डिंपल सिंह भी मौजूद रहे।

