केरल में बना देश का पहला ‘Gen Z पोस्ट ऑफिस’, कॉलेज छात्रों ने खुद डिजाइन कर तैयार किया ये अनोखा स्पेस
कोट्टायम के CMS कॉलेज कैंपस में छात्रों द्वारा बनाया गया नया पोस्ट ऑफिस—क्लासरूम, कैफे और क्रिएटिव हब जैसा माहौल, India Post का अभिनव प्रयोग
केरल के कोट्टायम जिले के CMS कॉलेज कैंपस में बना देश का पहला ‘Gen Z पोस्ट ऑफिस’ इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। 9 दिसंबर 2025 को शुरू हुए इस पोस्ट ऑफिस की खासियत यह है कि इसे पूरी तरह छात्रों ने डिजाइन, प्लान और तैयार किया है। इंडिया पोस्ट और CMS कॉलेज की यह संयुक्त पहल पारंपरिक डाकघर की छवि को बदलने वाली साबित हो रही है।



छात्रों द्वारा बनाया गया भारत का पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस
इंडिया पोस्ट ने युवाओं तक अपनी सेवाओं को और नजदीक लाने के उद्देश्य से CMS कॉलेज में पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन काउंटर स्थापित किया। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि पूरे स्पेस का डिज़ाइन, लेआउट, आर्टवर्क और फर्निशिंग कॉलेज के छात्रों ने किया है।
इसका मकसद था—एक ऐसा पोस्ट ऑफिस बनाना जो युवाओं की जरूरतों, उनकी जीवनशैली और कैंपस कल्चर से जुड़ा महसूस हो।


पोस्ट ऑफिस या हैंगआउट स्पॉट?
जैसे ही कोई यहां प्रवेश करता है, पारंपरिक पोस्ट ऑफिस की छवि पूरी तरह बदल जाती है।
इस Gen Z पोस्ट ऑफिस में है—
- पिकनिक-स्टाइल टेबल
- स्टूडेंट-डिज़ाइन कैनोपी
- कैफे-जैसा स्टडी काउंटर
- अपसाइकल्ड टायर से बना बैठने का इंतज़ाम
- वर्टिकल गार्डन और हरे-भरे कॉर्नर
- आर्ट वाल जिसमें इंडिया पोस्ट और मलयाली साहित्य की झलक
- किताबों और बोर्ड गेम्स की छोटी लाइब्रेरी
यह स्पेस इतना आरामदायक और आत्मीय लगता है कि छात्र यहां बैठकर पढ़ाई भी करते हैं, दोस्त भी मिलते हैं और बीच में चिट्ठी भी डाल देते हैं।

नए जमाने के पोस्टल सर्विसेज़ भी पूरी तरह उपलब्ध
युवाओं की जरूरत को देखते हुए पोस्ट ऑफिस में आधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं—
- मल्टी-पर्पज़ काउंटर मशीन पर स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट व पार्सल बुकिंग
- पैकेजिंग मटेरियल ऑन-साइट
- MyStamp प्रिंटर से निजी स्टैंप बनाने की सुविधा
- छात्रावास व दूर-दराज से आए छात्रों के लिए आसान पोस्टल कनेक्टिविटी
इन सेवाओं ने इसे सिर्फ पोस्ट ऑफिस नहीं, बल्कि छात्रों और उनके परिवारों के बीच एक स्नेहपूर्ण सेतु बना दिया है।
क्यों है यह पहल खास?
1817 में स्थापित CMS कॉलेज की पहचान शिक्षा, नवाचार और प्रकृति-प्रेम से जुड़ी है। छात्र-डिज़ाइन पोस्ट ऑफिस इस विरासत में एक नया अध्याय जोड़ता है।
इंडिया पोस्ट की यह पहल दिखाती है कि सरकारी सेवाएं भी युवाओं की भाषा और जीवनशैली के साथ तालमेल बिठा सकती हैं।
अगर यह मॉडल अन्य विश्वविद्यालयों में भी अपनाया जाता है तो आने वाले समय में देशभर के कैंपसों में ऐसे हरे-भरे, खुले और रचनात्मक पोस्ट ऑफिस देखने को मिल सकते हैं।
एक ऐसा स्पेस जहां पढ़ाई भी, मुलाकात भी और पोस्टल सर्विस भी
यह पोस्ट ऑफिस छात्रों को पढ़ने, बैठने, आपस में मिलने और एक ब्रेक लेने की सुविधा देता है-साथ ही चिट्ठी या पार्सल भेजने का काम भी आसानी से निपट जाता है।
यह सिर्फ एक पोस्ट ऑफिस नहीं, बल्कि कैंपस लाइफ का हिस्सा बन चुका है-यही इसे ‘Gen Z पोस्ट ऑफिस’ बनाता है।
