बांके बिहारी मंदिर की वर्षों पुरानी परम्परा टूटी, नही बना बाल भोग और शयन भोग
कई महीनों से वेतन का भुगतान न होने से हलवाई हुआ नाराज, नहीं बनाया भोग
बिना भोग के ही ठाकुरजी ने भक्तों को दिये दर्शन
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सोमवार को एक ऐसी स्थिति सामने आई, जिससे मंदिर प्रशासन पर सवाल खड़े हो गये हैं। हलवाई का कई महीने से वेतन नही दिया गया तो उसने नाराज होकर ठाकुरजी के लिए बाल भोग और शयन भोग तैयार नही किया। इसके कारण मंदिर में चली आ रही वर्षों पुरानी परम्परा टूटी। इस घटना ने ठाकुरजी के भक्तों और मंदिर से जुड़े सेवायतों को चिंतित कर दिया है।



बताया जा रहा है कि मंदिर में नियुक्त हलवाई को कई महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण उसने भोग तैयार करने से इंकार कर दिया। इस कारण सोमवार को ठाकुर जी बिना भोग के ही भक्तों को दर्शन दिए। ठाकुर जी को दोनों भोग नहीं लग पाने की बात सामने आई है। अब इस मामले में हाई पावर्ड कमिटी पल्ला झाड़ने में लगी हुई है। दरअसल बांके बिहारी मंदिर की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है। इसी कमेटी के अंतर्गत मंदिर में भोग और प्रसाद की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए हलवाई की नियुक्ति की गई थी।

हलवाई को प्रतिमाह करीब 80 हजार रुपये वेतन देने का प्रावधान है। पिछले कुछ महीनों से वेतन का भुगतान न होने से हलवाई नाराज हो गया। उसने ठाकुर जी का भोग नहीं बनाया। यह भी बताया जाता है कि हलवाई ने संबंधित अधिकारियों और प्रबंधन से कई बार वेतन भुगतान के लिए कहा। लेकिन उसकी नही सुनी गई। जब उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उसने भी समस्या खड़ी कर दी। उसने ठाकुर जी के लिए बाल भोग और शयन भोग तैयार नहीं किया।

