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मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट 
 

जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए अदालत ने दी सहमति

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कोर्ट की निगरानी में जांच, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति के गठन का किया गया है अनुरोध 

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय सहमत हो गया। अदालत दवा सुरक्षा तंत्र में जांच और व्यवस्थागत सुधार की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने अधिवक्ता और याचिकाकर्ता विशाल तिवारी की दलीलों पर विचार करते हुए कहा कि यह मामला गंभीर है और तत्काल सुनवाई योग्य है। 

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याचिका में इन घटनाओं की अदालत की निगरानी में जांच और एक सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि जहरीली कफ सिरप से बच्चों की मौत से जुड़े सभी एफआईआर और जांचों को सीबीआई को ट्रांसफर किया जाए। ताकि पूरे देश में जांच एक समान और निष्पक्ष रूप से की जा सके। याचिकाकर्ता ने कहा है कि अलग-अलग राज्यों में जांच होने से जवाबदेही बिखर जाती है। इसके कारण बार-बार ऐसी घटनाएं होती रहती हैं और खतरनाक दवाएं बाजार में पहुंच जाती हैं। इसलिए एक केंद्रीकृत जांच की जरूरत है जो पूरे सिस्टम में सुधार सुनिश्चित करे।
इस याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह यह पता लगाए कि दवा सुरक्षा और गुणवत्ता जांच प्रणाली में कौन सी चूक हुई, जिसके कारण निम्न गुणवत्ता वाली दवाएं बाजार में पहुंचीं।

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अदालत से यह भी आग्रह किया गया है कि आगे किसी भी बिक्री या निर्यात की अनुमति देने से पहले सभी संदिग्ध उत्पादों का एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से विष विज्ञान परीक्षण अनिवार्य किया जाय। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से कई बच्चों की मौत हुई है। इसके बाद ये याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कोर्ट से केंद्र सरकार को उन नियामकीय खामियों की पहचान करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिनके कारण घटिया दवाइयां बाजार में पहुंच पाईं। 

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