Movie prime
Ad

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई ईडी को फटकार, कहा-बिना सबूत के आरोप लगाना चलन बन गया है

सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में जमानत पर सुनवाई के दौरान कहा

Ad

 
suprim court ED
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad

आप बिना किसी सबूत के केवल आरोप लगाते हैं, इस तरीके से अभियोजन पक्ष इस कोर्ट के सामने टिक नहीं पाएगा 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि बिना सबूत के आरोप लगाना ईडी का चलन बन गया है। एजेंसी बिना किसी सबूत के आरोप लगा रही है। जस्टिस अभय एस.ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच अरविंद सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कथित 2000 करोड़ रुपये के शराब घाटाल मामले में जमानत की मांग की थी। बेंच ने कहा, ईडी ने कई मामलों में यही तरीका अपनाया है। आप बिना किसी सबूत के केवल आरोप लगाते हैं। इस तरीके से अभियोजन पक्ष इस कोर्ट के सामने टिक नहीं पाएगा। 

Ad
Ad
Ad

एएसजी ने कहा-अरविंद सिंह ने विकास से मिलकर 40 करोड़ कमाए हैं

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी.राजू ने आरोप लगाया कि अरविंद सिंह ने विकास अग्रवाल नाम के एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलीभगत करके 40 करोड़ रुपये कमाए। जब कोर्ट ने पूछा कि क्या अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है, तो राजू ने जवाब दिया कि वह फरार है। इस पर कोर्ट ने कहा, आपने स्पष्ट आरोप लगाया है कि उन्होंने (अरविंद सिंह) ने 40 करोड़ रुपये कमाए। अब आप इस व्यक्ति का इस कंपनी या किसी अन्य कंपनी के साथ संबंध नहीं दिखा पा रहे हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहाकि आपको यह बताना चाहिए कि क्या वह उन कंपनियों के निदेशक हैं, शेयरधारक हैं, क्या वह प्रबंध निदेशक हैं। कुछ तो होना ही चाहिए। इस पर एएसजी राजू ने कहा कोई व्यक्ति किसी कंपनियों को नियंत्रित कर सकता है। लेकिन जरूरी नहीं कि वह कंपनी के संचालन के लिए जिम्मेदार हो। सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहाकि एजेंसी बेबुनियाद आरोप लगा रही है। मामले पर अगली सुनवाई 9 मई को होगी। 

Ad

शीर्ष अदालत ने की थी छत्तीसगढ़ सरकार की खिचाई

आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने 28 अप्रैल को छत्तीसगढ़ सरकार की खिंचाई करते हुए पूछा था कि वह राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा दर्ज शराब घोटाला मामले में आरोपी को कब तक जेल में रखेगी। अदालत ने उल्लेख किया था कि मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं और जांच अब भी जारी है। कोर्ट ने कहा था कि ‘‘जांच अपनी गति से चलती रहेगी। यह अनंत काल तक चलती रहेगी। तीन आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। आप व्यक्ति को हिरासत में रखकर एक तरह से उसे दंडित कर रहे हैं। आपने प्रक्रिया को ही सजा बना दिया है। यह कोई आतंकवादी या तिहरे हत्याकांड का मामला नहीं है।

Ad
Ad

Ad

FROM AROUND THE WEB