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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम सुतार का निधन, 100 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस

नोएडा स्थित आवास पर रात में हुआ निधन; संसद परिसर और शिवाजी प्रतिमा सहित कई ऐतिहासिक मूर्तियों के रहे निर्माता

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नोएडा। विश्व प्रसिद्ध मूर्तिकार और 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के शिल्पकार राम सुतार अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने बुधवार देर रात नोएडा स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। 100 वर्ष की आयु में उनका निधन कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति साबित हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सम्मानित किया जाएगा। उनके निधन की खबर से कला, संस्कृति और राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।
राम सुतार वही कलाकार थे, जिन्होंने गुजरात में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा — ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ — को डिजाइन किया था। सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित यह प्रतिमा उनकी कला का सबसे व्यापक और वैश्विक स्तर पर पहचाना जाने वाला नमूना है।
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संसद परिसर में ध्यान मुद्रा में बैठे महात्मा गांधी की प्रतिमा भी उनकी ही कलाकृति है। इसके अलावा घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी की भव्य मूर्ति सहित कई ऐतिहासिक और धरोहर स्तर की अद्भुत प्रतिमाएं उन्होंने तैयार कीं।
राम सुतार मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से गोल्ड मेडलिस्ट थे। कला और शिल्प के क्षेत्र में उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान हासिल किए।
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हाल ही में 14 नवंबर 2025 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें महाराष्ट्र भूषण अवार्ड से सम्मानित किया था। यह सम्मान उनके योगदान और कला-यात्रा की सर्वोच्च उपलब्धियों में से एक माना गया।
राम सुतार के निधन से देश ने सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि वह शिल्पकार खो दिया है जिसने भारत की पहचान को पत्थर और धातु में अनंत रूपों में जीवंत किया। उनके द्वारा रची गई कलाकृतियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
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