1 अप्रैल से बदलेगा नियम : ये लोग नहीं कर पाएंगे UPI Payment, फोन पे, पेटीएम, गूगल पे सब पर होगा असर




अगर आप यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया नियम लागू करने की घोषणा की है। 1 अप्रैल 2025 से, अगर कोई मोबाइल नंबर इनएक्टिव है या दोबारा किसी नए उपयोगकर्ता को दिया गया है, तो उस पर UPI सेवाएं काम नहीं करेंगी। यह कदम डिजिटल लेनदेन में सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है।

नए नियम के अनुसार क्या बदलेगा?
NPCI के निर्देश के अनुसार, यदि कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों तक सक्रिय नहीं रहता है, तो उसे संबंधित बैंक खाते से हटा दिया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य UPI सिस्टम को अधिक सुरक्षित बनाना और संभावित धोखाधड़ी को कम करना है।
इनएक्टिव मोबाइल नंबर क्यों हैं खतरे का कारण?

टेलीकॉम कंपनियां जो मोबाइल नंबर लंबे समय तक इस्तेमाल में नहीं रहते, उन्हें नए ग्राहकों को आवंटित कर देती हैं। यदि पुराने उपयोगकर्ता का UPI अकाउंट अभी भी उस नंबर से जुड़ा हुआ है, तो नया उपयोगकर्ता गलती से या जानबूझकर अनधिकृत लेनदेन कर सकता है। इस जोखिम को समाप्त करने के लिए NPCI ने यह नया नियम लागू करने का निर्णय लिया है।

इनएक्टिव नंबर होने पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यदि आपका मोबाइल नंबर इनएक्टिव है और वह बैंक खाते से लिंक्ड है, तो आप UPI पेमेंट ऐप जैसे Google Pay, PhonePe और Paytm का उपयोग नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब है कि आपको डिजिटल लेनदेन में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।
आपको क्या करना चाहिए?
1. मोबाइल नंबर की स्थिति जांचें
अपने टेलीकॉम प्रदाता से संपर्क करें और पता करें कि आपका नंबर सक्रिय है या नहीं।
2. नंबर को दोबारा सक्रिय कराएं
अगर आपका नंबर इनएक्टिव हो गया है, तो उसे फिर से चालू करवाएं ताकि UPI सेवाएं बाधित न हों।
3. बैंक खाते में नया नंबर अपडेट करें
यदि आपका पुराना नंबर दोबारा सक्रिय नहीं हो सकता, तो बैंक में जाकर अपने खाते से एक नया और चालू मोबाइल नंबर लिंक कराएं।
NPCI की नई व्यवस्था
NPCI ने बैंकों और UPI सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया है कि वे इनएक्टिव मोबाइल नंबरों की सूची को नियमित रूप से अपडेट करें। इस पहल का उद्देश्य नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करना और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकना है।
आगे क्या बदलाव आ सकते हैं?
भविष्य में, UPI आईडी को मोबाइल नंबर से लिंक करने या अपडेट करने के लिए उपयोगकर्ताओं से स्पष्ट सहमति (Explicit Consent) ली जाएगी। यह नया नियम UPI लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाएगा और ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।

