
सेवानिवृत्त सीजेआई संजीव खन्ना भी नही स्वीकार करेंगे कोई सरकारी पद
मीडिया से बात करते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वह कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे




नई दिल्ली। देश के 51वें सीजेआई के पद से मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वह कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि शायद कानूनी क्षेत्र से संबंधित कुछ करेंगे। उन्होंने यह भी कहाकि मैं पूरी तरह अभिभूत हूं। मैं बहुत सारी यादें लेकर जा रहा हूं। यह स्मृतियां बहुत सुंदर हैं और यह जीवनभर साथ रहेंगी। उन्होंने कहाकि एक बार जब आप वकील होते हैं तो आप हमेशा वकील रहते हैं।


जनविश्वास थोपकर नहीं पाया जा सकता
उन्होंने कहाकि न्यायपालिका में जो जनविश्वास होता है उसे थोपकर नहीं पाया जा सकता, अर्जित करना पड़ता है। ’ज्यूडिशियरी’ शब्द का अर्थ केवल जज नहीं है। यह बार और बेंच दोनों को शामिल करता है। आप (बार) इस प्रणाली पर नजर रखने वाली अंतर्निहित शक्ति और इस व्यवस्था की अंतरात्मा हैं। अपने उत्तराधिकारी के बारे में कहाकि जस्टिस बीआर गवई एक उत्कृष्ट मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह संस्थान की गरिमा, मौलिक अधिकारों और कानून के बुनियादी सिद्धांतों को बनाए रखेंगे। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के साथ जस्टिस बीआर गवई भी बेंच में बैठे थे। इस माके पर भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने जस्टिस खन्ना के निर्णयों की स्पष्टता और सरलता की सराहना की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनके सटीक निर्णयों और सभी को धैर्यपूर्वक सुनने की उनकी प्रवृत्ति की प्रशंसा की। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने कहा कि जस्टिस खन्ना ने जस्टिस एच.आर. खन्ना की विरासत को आगे बढ़ाया।



