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गोवा तट पर नौसेना के जवानों संग पीएम मोदी ने मनाई दिवाली, बोले- आईएनएस विक्रांत उड़ा दी थी पाकिस्तान की नींद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारवार के तट पर आईएनएस विक्रांत का दौरा किया, वीर जवानों को संबोधित करते हुए कहा -"हमारी सेनाएं आत्मनिर्भर भारत की शक्ति हैं, भारत हर मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।"

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नई दिल्ली, भदैनी मिरर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार दिवाली का त्योहार गोवा तट पर भारतीय नौसेना के वीर जवानों के बीच मनाने पहुंचे। कारवार के तट पर स्थित स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का दौरा कर उन्होंने जवानों को संबोधित किया और आत्मनिर्भर भारत की शक्ति पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “आज का दिन अद्भुत और अविस्मरणीय है। एक तरफ मेरे पास अनंत क्षितिज है तो दूसरी ओर मां भारती के वीर जवानों की असीम शक्ति। आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है, जो हमारे परिश्रम, प्रतिभा और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
‘वीर जवान मेरे परिवार का हिस्सा हैं पीएम मोदी
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पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि दीपावली हर किसी को अपने परिवार के बीच मनाने का मन करता है। “मुझे भी परिवार के बीच दिवाली मनाने की आदत है, और मेरे लिए मेरे वीर जवान ही मेरा परिवार हैं। इसलिए मैं हर बार जवानों के बीच दिवाली मनाने चला आता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएनएस विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं, बल्कि यह 21वीं सदी के भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी क्षमता का प्रतीक है।
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ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र और पाकिस्तान पर निशाना
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे ‘विक्रांत’ नाम ने पाकिस्तान में खौफ की लहर दौड़ा दी थी। युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले पस्त हो गए थे। यही आईएनएस विक्रांत की असली ताकत है।”
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उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के समन्वय ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को बहुत कम समय में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।
रक्षा उत्पादन में आई तीन गुना बढ़ोतरी
पीएम मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक में भारत का रक्षा उत्पादन तीन गुना से अधिक बढ़ा है। 2014 से अब तक नौसेना को 40 से अधिक स्वदेशी युद्धपोत और पनडुब्बियां मिल चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि “हम अब हर 40 दिन में एक नया स्वदेशी युद्धपोत नौसेना में शामिल कर रहे हैं। ब्रह्मोस और आकाश जैसी मिसाइलें न सिर्फ भारत की रक्षा ढाल हैं, बल्कि अब दुनिया भर में भारतीय तकनीक की पहचान बन गई हैं।”
भारत को अग्रणी रक्षा निर्यातक बनाना लक्ष्य
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “हमारा लक्ष्य भारत को दुनिया के अग्रणी रक्षा निर्यातकों में शामिल करना है। पिछले एक दशक में हमारे रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि हुई है। इसमें देश के रक्षा स्टार्टअप्स और स्वदेशी इकाइयों की अहम भूमिका रही है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में वैश्विक स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। “दुनिया की 66% तेल आपूर्ति और 50% वैश्विक कंटेनर शिपमेंट हिंद महासागर से गुजरते हैं। इन मार्गों की सुरक्षा में नौसेना एक रक्षक की तरह तैनात है।”
सेनाओं की वीरता को नमन
पीएम मोदी ने कहा कि “ये विशाल जहाज, तेज रफ्तार विमान और पनडुब्बियां अपने आप में प्रभावशाली हैं, लेकिन इन्हें असली ताकत हमारे जवानों का साहस देता है। ये जहाज भले ही लोहे के बने हों, पर जब जवान इन पर सवार होते हैं तो ये जीवंत हो उठते हैं।”
भारतीय नौसेना हर द्वीप पर फहरा रही तिरंगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना भारत के हर द्वीप पर तिरंगा फहरा रही है। “हमारा उद्देश्य न सिर्फ भारत की प्रगति बल्कि ग्लोबल साउथ के देशों को भी गति देना है। संकट के समय भारत हमेशा विश्वबंधु की भूमिका निभाता रहा है।”
उन्होंने ऑपरेशन नीर, श्रीलंका में राहत कार्य, और इंडोनेशिया सुनामी सहायता जैसे अभियानों का उल्लेख कर भारतीय नौसेना की मानवीय भूमिका की सराहना की।
नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार
पीएम मोदी ने कहा कि “देश अब नक्सली आतंक से मुक्ति की कगार पर है। 2014 से पहले 125 जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे, अब यह संख्या घटकर सिर्फ 11 रह गई है।”
उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में कभी नक्सली स्कूल और सड़कें नहीं बनने देते थे, अब वहां उद्योग और हाईवे बन रहे हैं। “ये परिवर्तन हमारे सुरक्षाबलों के त्याग और तप से संभव हुआ है।”
2014 से अब तक जवानों के साथ दिवाली की परंपरा
2014 से प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मोदी हर वर्ष देश के सशस्त्र बलों के बीच दिवाली मनाते रहे हैं —
2014: सियाचिन ग्लेशियर
2015: अमृतसर, डोगराई युद्ध स्मारक
2016: हिमाचल-चीन सीमा
2017: गुरेज सेक्टर, जम्मू-कश्मीर
2018: हर्षिल, उत्तराखंड
2019: राजौरी, जम्मू-कश्मीर
2020: लोंगेवाला, राजस्थान
2021: नौशेरा, जम्मू-कश्मीर
2022: कारगिल
2023-24: लेपचा (हिमाचल) और सिरक्रीक (गुजरात)
2025: कारवार, गोवा तट पर आईएनएस विक्रांत
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