राजनीतिक संगठनों ने जजों और मेरे परिवार को निशाना बनाया-पूर्व सीजेआई एनवी रमन्ना
अमरावती के आंदोलनकारी किसानों की सराहना की, कहा-किसानों के साहस को सलाम

कहा-सांविधानिक सिद्धांतों की रक्षा करने वाले न्यायिक अधिकारियों को भी दबाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा
अमरावती में वीआईटी-एपी विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में जगनमोहन रेड्डी सरकार के दौर का उल्लेख
अमरावती। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने कहा कि सांविधानिक सिद्धांतों की रक्षा करने वाले न्यायिक अधिकारियों को भी दबाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जिन जजों का किसी राजनीतिक मामले में कोई हाथ नहीं था, उनके परिवार को भी राजनीतिक संगठनों ने निशाना बनाया। रमन्ना अमरावती में वीआईटी-एपी विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहाकि केवल उन्हें दबाने के लिए उनके परिवार पर मुकदमे दर्ज किए गए।



उन्होंने कहाकि आप सभी जानते हैं कि मेरे परिवार को कैसे निशाना बनाया गया और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। और यह सब केवल मुझे दबाने के लिए किया गया था. लेकिन उस कठिन दौर में किसानों के मुद्दे के पक्षधर लोगों को भी धमकाया और दबाया गया। समारोह में रमन्ना किसानों के उस आंदोलन की बात कर रहे थे जो तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ किया गया था। उस समय सरकार ने अमरावती को आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी से हटकर तीन राजधानी योजना लागू करने का फैसला लिया था। विशाखापत्तनम प्रशासनिक राजधानी, अमरावती विधायी राजधानी और कुर्नूल न्यायिक राजधानी बनी। रमन्ना ने कहा कि जिस समय कई राजनेता हिचकिचाते या चुप रहना बेहतर समझते थे, उस समय देश के न्यायविद, वकील और न्यायालय अपने सांविधानिक वादे के साथ खड़े रहे। रमन्ना ने कहा कि सरकार बदलती हैं, मगर न्यायालय और कानून का शासन स्थिरता का आधार बने रहते हैं। कानून का शासन तभी जीवित रहता है, जब लोग जनता का भरोसा बनाए रखें और सुविधा के लिए ईमानदारी न छोड़ें। पूर्व सीजेआई ने अमरावती के किसानों की हिम्मत की सराहना की और कहाकि मैं अमरावती के किसानों के साहस को सलाम करता हूं। उन्होंने सरकार की ताकत का ऐसा किया कि संघर्ष से मुझे बहुत प्रेरणा मिली। मैं न्यायिक प्रणाली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भरोसा रखने के लिए उनका धन्यवाद करता हूं।



