भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी का है आज 98वां जन्मदिन, PM मोदी ने काशी से दी बधाई, अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना की
पीएम मोदी ने भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी को बताया दूरदर्शी और विद्वान नेता, कहा - देश के विकास को समर्पित रहा जीवन
Updated: Nov 8, 2025, 09:17 IST
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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी को उनके 98वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आडवाणी को भारत की राजनीति का दूरदर्शी, विद्वान और सच्चा स्टेट्समैन बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आडवाणी जी का पूरा जीवन देश की सेवा, लोकतंत्र की मजबूती और विकास को समर्पित रहा है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा- “आडवाणी जी ने सदैव निस्वार्थ कर्तव्य और अटल सिद्धांतों की भावना को अपनाया है। उनके योगदान ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आडवाणी जी का जीवन एक ऐसी प्रेरणा है जो आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पण सिखाता है।



Greetings to Shri LK Advani Ji on his birthday. A statesman blessed with towering vision and intellect, Advani Ji’s life has been dedicated to strengthening India’s progress. He has always embodied the spirit of selfless duty and steadfast principles. His contributions have left…
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2025

लगभग एक शताब्दी का अनुभव और भारत में अभूतपूर्व योगदान
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से वर्ष 2024 में सम्मानित लालकृष्ण आडवाणी को इससे पहले 2015 में पद्म विभूषण दिया गया था।
वे भारतीय जनता पार्टी के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे हैं और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री के रूप में भी अपनी छाप छोड़ चुके हैं।

1927 में पाकिस्तान के कराची में हुआ जन्म
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ।
उनके पिता किशनचंद आडवाणी एक व्यवसायी थे और माता का नाम ज्ञानी देवी था।
आडवाणी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से पूरी की, जिसके बाद उन्होंने हैदराबाद (सिंध) के डी.जी. नेशनल स्कूल में अध्ययन किया।
भाजपा के संगठन निर्माता
लालकृष्ण आडवाणी ने भारतीय राजनीति को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने भाजपा को संगठन के रूप में खड़ा किया और देश के करोड़ों कार्यकर्ताओं को राष्ट्रवाद की विचारधारा से जोड़ा।
उनकी नेतृत्व क्षमता, अनुशासन और सिद्धांतों के प्रति निष्ठा ने उन्हें भारतीय राजनीति के इतिहास में अमर बना दिया है।


