
ऑपरेशन सिंदूर: ...बस बहुत हो चुका,पहलगाम हमले के अगले ही दिन मिल गया था सेना को फ्री हैंड- सेना प्रमुख का खुलासा
सिंदूर के पहले रखा जाना था ऑपरेशन का यह नाम, PoK में 7 आतंकी ठिकाने तबाह, 100 से ज्यादा आतंकी ढेर

Aug 10, 2025, 11:57 IST

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नई दिल्ली, भदैनी मिरर। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और PoK में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ एक ऐसी जवाबी कार्रवाई की, जिसे हाल के वर्षों में सबसे सटीक और प्रभावी माना जा रहा है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस ऑपरेशन—जिसे "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया गया—के कई अहम पहलुओं का खुलासा किया है। 

"बस, बहुत हो गया" – रक्षा मंत्री का सख्त संदेश
हमले के अगले ही दिन, 23 अप्रैल को हुई उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों के सामने स्पष्ट शब्दों में कहा—“अब बहुत हो चुका”। इस बैठक में सेना को पूरी तरह “फ्री हैंड” दिया गया, ताकि वे अपनी रणनीति और विवेक से कार्रवाई कर सकें।


7 प्रमुख आतंकी ठिकाने हुए तबाह
25 अप्रैल को सेना प्रमुख ने उत्तरी कमान का दौरा किया और नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों में से सात को प्राथमिकता सूची में रखा गया। इन सभी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया। बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए।
ऑपरेशन सिंदूर की हवाई सफलता


वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमान और 1 बड़ा एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल (AEW\&C) विमान मार गिराया गया। पाकिस्तान और PoK में 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया गया।
पहली बार इतना स्पष्ट राजनीतिक समर्थन

जनरल द्विवेदी के अनुसार, इस पूरे अभियान में पहली बार इतना स्पष्ट राजनीतिक आत्मविश्वास और दिशा देखने को मिली, जिससे कमांडरों का मनोबल कई गुना बढ़ गया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति को “शतरंज के खेल” से तुलना करते हुए कहा—“कभी हम दुश्मन को शह और मात दे रहे थे, तो कभी जान गंवाने का जोखिम भी उठा रहे थे।”
नाम से जुड़ी कहानी
शुरुआत में इस अभियान का नाम "ऑपरेशन सिंधु" रखा जाना था, लेकिन बाद में इसे "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया गया—एक ऐसा नाम, जो पूरे देश को भावनात्मक रूप से जोड़ सका।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर जनरल द्विवेदी ने कहा—“अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि आप हारे या जीते, तो वह कहेगा कि मेरा सेनापति फील्ड मार्शल बन गया है। हम ही जीते होंगे, इसीलिए वह फील्ड मार्शल बना।”

