
11 अगस्त को संसद में पेश होगा New Income Tax Bill 2025, संसदीय समिति ने दिए 10 अहम सुझाव




New Income Tax Bill 2025 : केंद्र सरकार आगामी सोमवार, 11 अगस्त को संसद में नया आयकर विधेयक 2025 पेश करने जा रही है। इससे पहले, बीते शुक्रवार को विपक्षी दलों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मौजूदा विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन से मंजूरी मिल गई। अब भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली संसदीय प्रवर समिति ने इस बिल में कई संशोधनों के सुझाव दिए हैं।


पैनल की प्रमुख सिफारिशें:
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परिभाषाओं को सटीक बनाना – अस्पष्टताओं को दूर करते हुए नए प्रावधानों को मौजूदा कानूनी ढांचे के साथ जोड़े जाने की सिफारिश।
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टैक्स सिस्टम को सरल बनाना – आयकर से जुड़े नियम स्पष्ट और समझने में आसान हों, इस पर जोर।
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स्टेकहोल्डर्स की राय के आधार पर सुधार – हितधारकों की सलाह से प्रावधानों में और स्पष्टता लाने की दिशा में बदलाव सुझाए गए।
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कुल 566 सिफारिशें – 4,584 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट में इतने सुझाव शामिल हैं।
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आईटीआर रिफंड नियम में बदलाव – देर से रिटर्न दाखिल करने पर रिफंड रोकने वाला प्रावधान हटाने की अनुशंसा।
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धारा 80M में संशोधन – विशेष टैक्स दर का लाभ लेने वाली कंपनियों के लिए इंटर-कॉरपोरेट डिविडेंड पर कटौती से जुड़ा प्रावधान संशोधित करने का सुझाव।
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जीरो टीडीएस सर्टिफिकेट की अनुमति – पात्र करदाताओं को बिना टीडीएस कटौती का प्रमाणपत्र जारी करने का प्रस्ताव।
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टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं – समिति ने स्पष्ट किया कि दरों में कोई सिफारिश नहीं की गई, जबकि LTCG टैक्स पर मीडिया में आई खबरों को विभाग ने खारिज किया।
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एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन – सूक्ष्म और लघु उद्यमों की परिभाषा MSME अधिनियम के अनुसार करने की सिफारिश।
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कई प्रावधानों पर स्पष्टता – एडवांस रूलिंग फीस, प्रोविडेंट फंड पर टीडीएस, लो-टैक्स सर्टिफिकेट और पेनाल्टी अधिकारों से जुड़े नियमों को और स्पष्ट करने के लिए बदलाव का सुझाव।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, समिति चाहती है कि नया आयकर कानून न सिर्फ सरल और स्पष्ट हो, बल्कि मौजूदा प्रावधानों के साथ बेहतर तालमेल भी बैठाए।

