Movie prime
Ad

नेशनल हेराल्ड केस : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहुल गांधी, सोनिया और अन्य को राहत

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर चार्जशीट का संज्ञान लेने से किया इनकार 

Ad

 
Rahul gandhi
WhatsApp Group Join Now

Ad

ईडी को जांच जारी रखने की अनुमति, कहाकि-जब मूल अपराध ही दर्ज नहीं तो मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कैसे आगे बढ़ाई जा सकती है

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में मंगलवार को गांधी परिवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मुकदमे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर चार्जशीट का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। वहीं, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दर्ज नई एफआईआर में प्राथमिकी की कॉपी भी देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य आरोपित एफआईआर की प्रतिलिपि पाने के हकदार नहीं हैं। इसके साथ ही अदालत ने ईडी को अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दे दी है। कहाकि ईडी का मामला सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी शिकायत और मजिस्ट्रेट के समन आदेशों पर आधारित है, न कि किसी प्राथमिकी पर। 

Ad
Ad
Ad

soniya gandhi

अब इस मामले में कांग्रेस अपने आधिकारिक एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, सत्य की जीत हुई है। (नरेंद्र) मोदी सरकार की बदनीयत और गैरकानूनी तरीके से की गई कार्रवाई पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसमें गांधी परिवार के अलावा कांग्रेस नेता सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, डोटेक मर्चेंडाइज लिमिटेड, इसके प्रमोटर सुनील भंडारी और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को नामजद किया गया है।

Ad

जानकारों की मानें तो नेशनल हेराल्ड केस अब एक नई गुत्थी में फंस गया है। जज की दलीलों में चार्जशीट के कानूनी तौर पर तकनीकी पहलुओं पर बात की गई थी। लेकिन इतने से बाहर भाजपा और कांग्रेस को इस मामले में राजनीति करने का मौका मिल गया है। अदालत का मुख्य आधार तकनीकी है। मेरिट यानी आरोप सही हैं या गलत, इस पर कोर्ट ने कुछ नहीं कहा। कोर्ट का कहना है कि ईडी ने जिस आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की कार्रवाई शुरू की, उसमें एक अहम कड़ी गायब है। दिल्ली कोर्ट ने ईडी की जांच पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई ने अब तक कोई प्रेडिकेट ऑफेंस दर्ज नहीं किया है। इसके बावजूद ईडी ने जांच जारी रखी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब मूल अपराध ही दर्ज नहीं है, तो मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कैसे आगे बढ़ाई जा सकती है।
 

Ad
Ad