लोकसभा में 'जी-राम-जी' विधेयक ध्वनिमत से पारित, शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर बोला हमला: 'बापू का अपमान कर रहे हैं'
विपक्षी दलों के हंगामे और कागज फाड़कर विरोध के बीच कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- कांग्रेस ने बापू नहीं, अपने खानदान का महिमामंडन किया; गरीब–किसानों के हित में लाया गया विधेयक
नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को भारी हंगामे और विपक्षी विरोध के बीच विकसित भारत ‘जी-राम-जी’ बिल ध्वनिमत से पारित हो गया। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लाया गया है। बिल को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, विरोध में कागज फाड़े और इसे स्थायी समिति को भेजने की मांग की। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पर विस्तृत जवाब देते हुए विपक्ष पर तीखा प्रहार किया।



शिवराज चौहान ने कहा कि विपक्ष सरकार का जवाब सुनना ही नहीं चाहता और अपने तर्क रखकर सदन से बाहर चला जाता है। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार संसदीय लोकतंत्र और गांधी के मूल्यों का अपमान है। कृषि मंत्री ने दावा किया कि बिल गरीबों और किसानों के हित में लाया गया है, जिसका विपक्ष उद्देश्यहीन विरोध कर रहा है।

“बापू का अपमान कर रहा विपक्ष” – कृषि मंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा-“हम गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं। अपनी बात सुनाकर जवाब न सुनना लोकतंत्र का अपमान है और बापू के आदर्शों की हत्या भी। विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोध कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि बापू ने कहा था- ‘‘गांव भारत की आत्मा हैं’’ और यह विधेयक ग्रामीण विकास को नई दिशा देगा।

“किसी राज्य से भेदभाव नहीं”
कृषि मंत्री ने विपक्ष द्वारा लगाए गए भेदभाव के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि- ‘‘हम सभी राज्यों के लिए एक समान हैं। देश जमीन का टुकड़ा नहीं, जीवंत राष्ट्र पुरुष है।”
कांग्रेस पर ‘खानदान राजनीति’ का आरोप
प्रियंका गांधी द्वारा किए गए नाम बदलने के आरोप पर शिवराज ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने योजनाओं और संस्थानों का नाम केवल नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर रखा।
उन्होंने दावा किया- “राजीव गांधी के नाम से 25 और इंदिरा गांधी के नाम से 27 योजनाएं और संस्थान बनाए गए।”
#WATCH | Delhi: On VB G RAM G bill, Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chouhan says, "The conduct of the opposition members in Lok Sabha today, the behaviour of the MPs from the Congress and the INDI alliance, has tarnished democracy. Parliamentary… pic.twitter.com/UiIkj1uEXX
— ANI (@ANI) December 18, 2025
विपक्ष का कड़ा विरोध
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, डीएमके के टीआर बालू, और सपा के धर्मेंद्र यादव सहित कई सांसदों ने बिल का विरोध किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि—
- बिल मनरेगा को समाप्त करने की साजिश है
- राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा
- गरीबों की आजीविका प्रभावित होगी
सदन के अंदर कागज फाड़ने की घटना पर स्पीकर ओम बिड़ला ने सांसदों की निंदा की और कहा- “आपको जनता ने कागज फाड़ने के लिए नहीं भेजा है। पूरा देश देख रहा है।”
सरकार का पक्ष
सरकार ने कहा कि मनरेगा भ्रष्टाचार का माध्यम बन गया था। नए बिल को विशेषज्ञों और हितधारकों से चर्चा के बाद तैयार किया गया है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।
“राम था गांधी का प्रिय नाम”
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा- “राम गांधी जी का प्रिय नाम था। वे ‘हे राम’ कहकर विदा हुए। नाम बदलने पर विरोध बेमानी है।”
