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Ladakh Violence: सोनम वांगचुक की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं पत्नी गीतांजलि, NSA गिरफ्तारी को दी चुनौती

गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, NSA के तहत हिरासत पर उठाए सवाल, कहा– नियमों का उल्लंघन
 

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लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर भड़की हिंसा

चार की मौत और 90 घायल, वांगचुक पर साजिश रचने का आरोप

नई दिल्ली/लेह। लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किए गए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की रिहाई को लेकर उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दाखिल करते हुए अपने पति की गिरफ्तारी को चुनौती दी है और तत्काल रिहाई की मांग की है।

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24 सितंबर को लद्दाख में भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया था और उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल भेजा गया। हिंसक झड़पों में चार लोगों की मौत हुई थी और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

हिरासत आदेश की प्रति तक नहीं दी गई: गीतांजलि

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गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि वांगचुक पर NSA लगाने का फैसला नियमों का उल्लंघन है। उन्हें अब तक हिरासत आदेश की प्रति तक नहीं दी गई और न ही वांगचुक से कोई संपर्क करने दिया गया है।

इससे पहले आंगमो ने लद्दाख पुलिस महानिदेशक के बयान को झूठा बताते हुए इसे "सोची-समझी साजिश" करार दिया था। उनका कहना है कि जिस समय झड़प हुई, उस वक्त वांगचुक शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे थे, उनका हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने सवाल उठाया कि अपने ही नागरिकों पर CRPF को गोली चलाने का आदेश किसने दिया?

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लद्दाख हिंसा की पृष्ठभूमि

2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से ही लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग उठ रही है। इन्हीं मांगों को लेकर सोनम वांगचुक और लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) के कार्यकर्ता लगातार आंदोलन कर रहे थे।

10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की गई थी और कई कार्यकर्ताओं की तबीयत बिगड़ने के बाद लेह बंद का आह्वान हुआ। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन के दौरान पुलिस व सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। हालात बिगड़ते ही पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुईं, जिसमें चार की मौत और 90 से अधिक घायल हो गए।

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