जस्टिस यशवंत वर्मा का दिल्ली हुआ स्थानांतरण, चौथे दिन भी अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी




नई दिल्ली,भदैनी मिरर। होली की रात सरकारी आवास पर आगजनी की घटना में कथित रूप से मिले नोट कांड के विवादों में फंसे दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस यशवंत वर्मा को उनके पैतृक न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरण कर दिया गया है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह जानकारी एक सरकारी अधिसूचना में दी गई. विधि मंत्रालय ने उनके तबादले की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की.

नोटों के विवाद में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले की सिफारिश की गई थी. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने बयान जारी करते हुए कहा ता कि यह कदम मामले में आंतरिक जांच के आदेश से अलग है. उसके बाबजूद इलाहबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता स्थानांतरण का खुलकर विरोध कर रहे है.

चौथे दिन भी आंदोलन जारी
स्थानांतरण की खबर के बाद से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट बार के पदाधिकारी आंदोलनरत है. अधिवक्ताओं का आंदोलन चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा. हाईकोर्ट के मुख्य गेट पर सभा करके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव विक्रांत पांडेय और वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे ने कहा कि जब तक उनकी समस्या का कोई सकारात्मक हल नहीं निकलता है तब तक वकीलों की हड़ताल जारी रहेगी. अधिवक्ताओं की मांग है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण रद्द किया जाए, न्यायमूर्ति गण के मित्र और परिवार का उसी न्यायालय में प्रैक्टिस रोका जाए, लिस्टिंग की नई व्यवस्था में तत्काल प्रभाव से परिवर्तन किया जाए, फ्रेश और सूचीबद्ध मुकदमो की सूची में पहले दाखिल हुए मुकदमो पहले सुनवाई के लिए सूची बद्ध करने की मांग शामिल है.


