
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने भारत के 52 वें प्रधान न्यायाधीश की ली शपथ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ, सीजेआई ने मां का लिया आशीर्वाद




नई दिल्ली। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को भारत के 52 वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) का पद संभाल लिया। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण कराई। सीजेआई बीआर गवई ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अन्य गणमान्य लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। जस्टिस गवई ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की जगह ली। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए थे। आपको बता दें कि 30 अप्रैल को कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी। इससे पहले 16 अप्रैल को सीजेआई खन्ना ने केंद्र सरकार से उनके नाम की सिफारिश की थी। सीजेआई गवई 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।


परंपरा के अनुसार वर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की सिफारिश करते हैं। जस्टिस गवई वरिष्ठता क्रम में सबसे आगे थे। कानून मंत्रालय ने सीजेआई जस्टिस खन्ना से उनके उत्तराधिकारी का नाम देने की आधिकारिक अपील की थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे गवई, महत्वपूर्ण फैसलों में रहे शामिल


16 मार्च, 1985 को वकालत शुरू करने वाले न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के स्थायी वकील के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में सेवाएं दी। 17 जनवरी, 2000 को उन्हें नागपुर खंडपीठ के लिए सरकारी वकील और लोक अभियोजक नियुक्त किया गया। फिर 14 नवंबर, 2003 को वे बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 12 नवंबर, 2005 को स्थायी न्यायाधीश बनाये गये। इसके बाद 24 मई, 2019 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। न्यायमूर्ति गवई सर्वोच्च न्यायालय में कई ऐसी संविधान पीठों में शामिल रहे, जिनके फैसले अहम माने जाते हैं। दिसंबर 2023 में उन्होंने पांच जजों की संविधान पीठ में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को सर्वसम्मति से बरकरार रखा। वर्ष 2022 में तमिलनाडु सरकार के वणियार समुदाय को विशेष आरक्षण देने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया, क्योंकि यह अन्य पिछड़ा वर्गों के साथ भेदभावपूर्ण था। जस्टिस गवई ने 2016 की नोटबंदी योजना को चार-एक के बहुमत से वैध ठहराते हुए कहा कि यह निर्णय केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच परामर्श के बाद लिया गया था और यह अनुपातिकता की कसौटी पर खरा उतरता है। जुलाई 2023 में जस्टिस गवई की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध करार दिया और उन्हें 31 जुलाई 2023 तक पद छोड़ने का निर्देश दिया था। 2024 में बुलडोजर कार्रवाई के दौरान जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि केवल आरोपी या दोषी होने के आधार पर किसी की संपत्ति को ध्वस्त करना असंवैधानिक है। कार्रवाई बिना कानूनी प्रक्रिया के नहीं कर सकते, अगर होती है तो सम्बंधित अधिकारी जिम्मेदार होगा। मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दी थी। उन्हें इस केस में दो साल की सजा के बाद लोकसभा से अयोग्य करार दिया गया था। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ को जमानत दी। दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दी। दिल्ली शराब घोटाले में बीआरएस नेता के कविता को भी जमानत दी। जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद दोषियों की रिहाई को मंजूरी दी। बेंच ने यह माना कि तमिलनाडु सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

बिहार और केरल के राज्यपाल रहे पिता
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। जस्टिस गवई के पिता स्व.आरएस गवई भी एक प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता और बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल रहे। जस्टिस गवई देश के अनुसूचित जाति से सम्बंध रखने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे। उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन साल 2010 में यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे।
सीजेआई की मां कमलाताई बोलीं- मेहनत और सेवा का मिला फल
सीजेआई गवई की मां कमलताई ने कहाकि मैंने हमेशा चाहा था कि मेरे बच्चे अपने पिता के रास्ते पर चलें और समाज की सेवा करें। भूषण ने बचपन से ही कठिन परिस्थितियों का सामना किया और मेहनत से आज इस ऊंचे पद तक पहुंचे हैं। सीजेआई गवई ने एक साधारण स्कूल में पढ़ाई की। वह हमेशा जरूरतमंदों की मदद करते रहे।

