
जयपुर : प्रतिष्ठित सवाई मान सिंह अस्पताल के आईसीयू में आग, आठ मरीजों की मौत, 5 की हालत गंभीर
घटना के बाद डाक्टर और कम्पाउंडर मरीजों को उनके हाल पर छोड़कर भागे



मुख्यमंत्री समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, मृतकों के परिजनों ने दिया धरना
राजस्थान। राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भीषण आग लगने से रविवार की रात अफरातफरी मच गई। इस दौरान आठ लोगों की मौत हो गई। पांच लोगों की हालत अभी भी गंभीर है। आईसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट से लगी इस आग के दौरान 11 मरीजों का इलाज चल रहा था। मरीज और तीमारदार जान बचाने के लिए भागे पर कई लोग अपनी जान नही बचा पाए और अग्निकांड की भेंट चढ़ गये। परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद डॉक्टर और कंपाउंडर भाग गए।


मरीजों के परिजनों ने जो बताया वह बेहद डरावना है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के आईसीयू में आग बुझाने की मशीन तक नहीं थी। मरीजों को उसके हाल पर छोड़ दिया गया। काले धुएं के गुबार में आठ जिंदगियों ने तड़प-तड़ कर दम तोड़ दिया। राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में रविवार की देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर आग लगी। आग लगने के बाद अस्पताल के स्टाफ ने इस वॉर्ड के साथ आस-पास के वार्ड में भर्ती मरीजों को बाहर निकालना शुरू किया। आग के साथ आस-पास के वार्ड में धुआं फैलने से मरीजों को परेशानी होने लगी।

आग से सीकर का पिंटू, भरतपुर के श्रीनाथ, आंधी के दिलीप, रुक्मणि, खुश्मा, सर्वेश, दिगंबर वर्मा और सांगानेर के बहादुर की मौत हो गई। हालांकि अभी मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है। अभी 5 लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं। घटना के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, विधायक बालमुकुंदाचार्य, एसएमएस अस्पताल पहुंचे। उधर, मृत मरीजों के परिजन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गये और वह 50 लाख रुपए मुआवजा और प्रत्येक परिवार को सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे। घटना के बाद कांग्रेस विधायक रफीक खान भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सरकार और प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मृतकों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। प्रशासन देर से जागा, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ा।


