ITR फाइलिंग AY 2025-26: टैक्सपेयर्स को मिले संदेश पर आयकर विभाग की सफाई-किसे क्या करना जरूरी?
ITR फाइलिंग AY 2025-26: टैक्सपेयर्स को मिले संदेश पर आयकर विभाग की सफाई-किसे क्या करना जरूरी?
IT विभाग ने स्पष्ट किया-भेजे गए संदेश केवल सलाहात्मक, जांच कार्रवाई नहीं; AIS में अंतर पाए जाने पर सुधारी जा सकती है ITR
नई दिल्ली। आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग से जुड़े संदेश मिलने के बाद टैक्सपेयर्स में बढ़ी चिंता के बीच आयकर विभाग ने बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। विभाग ने साफ किया है कि हाल ही में टैक्सपेयर्स को भेजे गए संदेश किसी प्रवर्तन कार्रवाई का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि स्वैच्छिक अनुपालन (Voluntary Compliance) सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भेजे गए हैं।



विभाग ने बताया कि ये संदेश केवल उन्हीं मामलों में भेजे गए हैं, जहां आयकर रिटर्न में दिए गए विवरण और रिपोर्टिंग एंटिटीज़ द्वारा भेजी गई जानकारी के बीच बड़ा अंतर पाया गया है।
आयकर विभाग ने X पर पोस्ट करते हुए कहा-“ये संदेश टैक्सपेयर्स को जागरूक करने के लिए भेजे गए हैं ताकि उन्हें पता चल सके कि आयकर विभाग के पास उनकी वित्तीय गतिविधियों से संबंधित जानकारी उपलब्ध है।”

क्या करना होगा टैक्सपेयर्स को?
IT विभाग ने बताया कि ऐसे टैक्सपेयर्स को अपनी Annual Information Statement (AIS) की जांच कर कॉम्प्लायंस पोर्टल पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। जरूरत पड़ने पर पहले से भरा गया रिटर्न संशोधित किया जा सकता है, या फिर बकाया रिटर्न दायर किया जा सकता है।

विभाग ने याद दिलाया कि-आकलन वर्ष 2025-26 के संशोधित या बिलेटेड रिटर्न की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 है।
टैक्स रिफंड पर प्रभाव
हाल ही में CBDT चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया था कि कुछ मामलों में टैक्स रिफंड प्रोसेसिंग में देरी का कारण हाई-वैल्यू या संदिग्ध दावों की जांच है। विभाग का कहना है कि गलत दावों को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जबकि साधारण और नियमबद्ध रिफंड जारी किए जा रहे हैं।
विदेशी संपत्ति पर भी निगरानी
इसके अलावा विभाग विदेशी संपत्ति और आय के गलत या अपूर्ण विवरण के खिलाफ भी सख्त है। AEOI फ्रेमवर्क के तहत विदेशी सूचनाओं की जांच के बाद
लगभग 25,000 हाई-रिस्क मामलों की पहचान की जा चुकी है।
इन टैक्सपेयर्स को AIS की समीक्षा कर ITR सुधारने के लिए SMS और ईमेल भेजे जा रहे हैं।
काली धन कानून के तहत सख्त दंड
आयकर अधिनियम 1961 और ब्लैक मनी एक्ट 2015 के तहत विदेशी आय और संपत्ति को छुपाने पर भारी जुर्माना और दंड का प्रावधान है।
IT विभाग ने कहा-“यदि रिटर्न सही है तो टैक्सपेयर्स को संदेश को नजरअंदाज कर देना चाहिए, लेकिन यदि अंतर मौजूद है तो तुरंत प्रतिक्रिया दर्ज करें।”
विभाग का यह स्पष्ट संदेश उन टैक्सपेयर्स के लिए राहत का संकेत है, जिन्होंने संदेश प्राप्त करने पर संभावित कार्रवाई की आशंका जताई थी।
