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ISIS आतंकी अदनान ने काशी के ज्ञानवापी सर्वे का आदेश देनेवाले जज को दी थी धमकी

त्योहार पर दिल्ली दहलाने की फिराक में थे दोनों आतंकी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने किये चौकानेवाले खुलासे

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गिरफ्तारियां तो पहले हो चुकी थीं, त्योहार के मद्देनजर बरती गई गोपनीयता

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में गिरफ्तार किए गए ISIS आतंकी मोहम्मद अदनान से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। अदनान ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर) परिसर का वीडियो सोशल मीडिया पर बनाकर सर्वे कराने वाले जज को धमकी दी थी। यहां तक कि उसने इंस्टाग्राम पर जज की फोटो शेयर करते हुए काफिर लिखा और लोगों को उन्हें मारने के लिए उकसाया था। इस आपत्तिजनक पोस्ट के बाद लखनऊ के गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। उस समय आरोपित के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी। हालांकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दीपावली और डाला छठ त्योहारों में दहशत फैलने से बचाने के लिए आतंकी साजिश के दो संदिग्धों की गिरफ्तारी को 9 दिन तक गोपनीय रखा था। ताकि पूरे मॉड्यूल को पकड़ा जा सके और त्योहारी माहौल खराब न हो।

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पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारियां 16 अक्टूबर को (सादिक नगर छापा) और 18 अक्टूबर (भोपाल में दूसरा संदिग्ध) को हुईं। लेकिन इन्हें जानबूझकर गोपनीय रखा गया। एडिशनल आयुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा कि दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के दौरान अगर यह खबर लीक हो जाती, तो दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाकों में दहशत फैल जाती। लोग मॉल्स, बाजारों और पूजा स्थलों से दूर रहते, जिससे त्योहारी माहौल खराब हो जाता। यह चुप्पी सतर्कता का हिस्सा थी। दीपावली खत्म होने के बाद जब स्थिति सामान्य हुई, तब पुलिस ने पूरी डिटेल्स शेयर की। आपको बता दें कि 16 अक्टूबर को डीसीपी अमित कौशिक की टीम ने सादिक नगर में मोहम्मद अदनान उर्फ अबू मुहारिब के घर छापा मारा। वहां से आईएसआईएस सामग्री, झंडा, बयाह वाले कपड़े और टाइमर घड़ी मिली।  दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े संदिग्ध आतंकी मोहम्मद अदनान (दिल्ली) और अदनान खान (भोपाल) फिदायीन हमले की ट्रेनिंग ले रहे थे। दोनों दिल्ली में फिदायीन हमले की फिराक में थे। 

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अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि मोहम्मद अदनान ने सीरिया स्थित हैंडलर के माध्यम से वर्तमान आईएसआईएस खलीफा अबू हफ्स अल-हाशिमी अल-कुरैशी से बैयाह यानी वफादारी की शपथ लेने की बात स्वीकार की है। इससे सम्बंधित वीडियो भी जब्त की है। वीडियो उस समय रिकॉर्ड किया गया था जब संदिग्ध आईएसआईएस की पोशाक पहने हुआ था। यह मॉड्यूल संपादित जिहादी वीडियो प्रसारित करके युवाओं की भर्ती के लिए सोशल मीडिया चैनल चलाता था। दोनों कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय थे और उनका इस्तेमाल चरमपंथी सामग्री फैलाने, अनुयायियों की भर्ती करने और गतिविधियों का समन्वय करने के लिए कर रहे थे।

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जानकारी के अनुसार भोपाल से पकड़े गये संदिग्ध को पहले यूपी एटीएस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। 2024 में जमानत मिलने के बाद उसने मुख्य रूप से ऑनलाइन भर्ती और दुष्प्रचार प्रसार के माध्यम से आतंकवाद से संबंधित गतिविधियां फिर से शुरू कर दीं। इंस्पेक्टर मान सिंह व इंस्पेक्टर धीरज महलावत की टीम ने विशिष्ट खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए 16 अक्तूबर को दक्षिण दिल्ली के सादिक नगर में घेराबंदी कर मोहम्मद अदनान खान को उसके घर के पास सड़क पर से हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने कई खुलासे किए। बताया कि वह सोशल मीडिया के जरिए भोपाल के एक युवक के संपर्क में था। उसके घर की तलाशी के दौरान तीन मोबाइल बरामद किए गए। इनमें आईएसआईएस से जुड़ी सामग्री, तस्वीरें और रिमोट डेटोनेशन सिस्टम, प्लास्टिक बम और मोलोटोव कॉकटेल बनाने के निर्देश, एक पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, एक आईएसआईएस झंडा, बैअत के दौरान इस्तेमाल किए गए कपड़े और एक आईईडी में इस्तेमाल के लिए बनाई गई टाइमर घड़ी शामिल है।

अदनान खान ने बताया कि ऑनलाइन जिहादी सामग्री देखने के बाद वह कट्टरपंथी हो गया था। उसने अपने इंस्टाग्राम चैनल पर धमकी भरी सामग्री पोस्ट की थी। इनमें वाराणसी के एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को धमकी देने वाला पोस्ट भी शामिल था। उन्हें धमकी इसलिए दी गई थी कि उन्होंने ज्ञानवापी का वीडियो फोटोग्राफी के साथ सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के एटा का रहने वाला मोहम्मद अदनान खान मध्यमवर्गीय परिवार से है। उसके पिता सलीम खान दूरदर्शन में ड्राइवर हैं और उसकी मां अंजुम खान गृहिणी हैं। उसकी तीन बड़ी बहनें हैं और सभी विवाहित हैं। अदनान ने इंटर तक पढ़ाई की। 2022 में पिता के तबादले के बाद परिवार दिल्ली आ गया। मोहम्मद अदनान ने दिल्ली में पढ़ाई फिर से शुरू करने की कोशिश की लेकिन परीक्षा पास नहीं कर पाया। फिर उसने 2025 में डेटा सूचना प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा पूरा किया। 2023 में सादिक नगर में सरकारी आवास मिलने के बाद इंस्टाग्राम पर कट्टरपंथी पेजों को फॉलो करना शुरू कर दिया। वह एक कट्टरपंथी ग्रुप में शामिल हो गया। इसमें शुरुआत में 25-30 सदस्य थे।

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