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100 करोड़ का होम लोन गबन करने वाला हाईप्रोफाइल गैंग एसटीएफ के शिकंजे में, आठ गिरफ्तार

फर्जी प्रोफाइल बनाकर शातिर अंदाज में गिरोह करता था जालसाजी, 220 बैंक खाते फ्रीज

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तीन चार पहिया वाहन, 126 चेकबुक, पासबुक, 170 एटीएम कार्ड, 45 आधार कार्ड आदि बरामद

बनारस, दिल्ली, बिहार से लगायत कई प्रदेशों और जिलों में फैला है गिरोह का नेटवर्क 

वाराणसी, भदैनी मिरर। कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग करके और फर्जी प्रोफाइल बनाकर कई बैकों से धोखाधड़ी कर 100 करोड़ से अधिक का होमलोन लेकर गबन करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित 8 जालसाजों को यूपी एसटीएफ ने गुरूवार को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार जालसाजों में गाजियाबाद के इंद्रापुरम क्षेत्र के शक्ति खंड प्रथम तल लेन नम्बर नौ के रामकुमार, शहादरा दिल्ली के गोरखपार्क के नितिन जैन, झारखंड के सरायकेला क्षेत्र के चंदेल गांव के मोहम्मद वसी, शारण बिहार के चम्पारण जिले के फुलवरिया ढाका के शमशाद आलम, गुरूग्राम हरियाणा के पालम विहार के इन्द्रकुमार कर्माकर, गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र के राजीव नगर के अनुज यादव, सम्भल जिले के रजपुरा क्षेत्र के जामा मस्जिद गवा निवासी ताहिर हुसैन और शहादरा दिल्ली के वेस्ट पटेल नगर के अशोक जैन उर्फ दीपक उर्फ रिंकी हैं। इनके पास से एसटीएफ ने विभिन्न बैंकों के 126 चेकबुक एवं पासबुक, 170 एटीएम कार्ड, 45 आधार कार्ड, 27 पैन कार्ड, 5 वोटर आईडी कार्ड, 26 मोबाइल, 3 लैपटॉप, तीन चार पहिया वाहन और तमाम कागाजात बरामद किया है। यह कार्रवाई नोएडा और गौतमबुद्धनगर फील्ड यूनिट ने की। 

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जानकारी के अनुसार एचडीएफसी बैंक के एक अधिकारी का शिकायती पत्र जांच के लिए एसटीएफ को मिला था। इसकी जांच के लिए एसटीएफ फील्ड इकाई, नोएडा को सन्दर्भित किया गया था। जांच के दौरान चार दिसम्बर को निरीक्षक सचिन कुमार को मुखबिर से सूचना मिली कि एक संगठित गिरोह द्वारा कूटरचित दस्तावेज बनाकर लोगों के घरों के फर्जी दस्तावेज बनाये जा रहे हैं। उनके नाम के फर्जी व्यक्ति की प्रोफाइल बनाकर लोगों की सम्पत्ति को विभिन्न बैंको से लोन कराकर बेच दिया जा रहा है। इस सूचना की गहराई से जांच के लिए रामकुमार, नितिन जैन, मोहम्मद वसी, शमशाद आलम, इन्द्रकुमार कर्माकर, अनुज यादव, ताहिर हुसैन और अशोक उर्फ दीपक जैन उर्फ रिंकी को एसटीएफ की गौतमबुद्धनगर यूनिट में लाया गया। पूछताछ में जालसाजी और ठगी का खुलासा हो गया और आठों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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जालसाज रामकुमार ने पूछताछ पर बताया कि वह पूर्व में एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक में लोन एग्जक्यूटिव के पद पर काम कर चुका है। इसके बाद वह फर्जी प्रोफाइल तैयार कर लोन कराने के कार्य में संलिप्त हो गया। रामकुमार विभिन्न बिल्डरों के साथ मिलकर फर्जी प्रोफाइल तैयार कर उनके नाम से होम लोन तैयार कर लोन लेने का काम करता है। इसमें से कुछ रकम बिल्डर रामकुमार को वापस देता था। रामकुमार ने टीएसए साफ्वेयर सर्विसिज प्रालि. एंव ज्तपचजमबीपम प्रालि. नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाकर फर्जी व्यक्ति को डायरेक्टर बनाकर रजिस्ट्रर्ड कराया था। इन कम्पनियों में फर्जी आधार कार्ड पर बनाये गये व्यक्ति के बैंक खाते, बैंककर्मियों की मिलीभगत से खोले गये थे। कम्पनियों में फर्जी रूप से प्रतिमाह सैलरी भेजकर उनकी प्रोफाइल तैयार की गई थी। ऐसे प्रोफाइल तैयार कर फर्जी व्यक्तियों के नाम से विभिन्न बैंकों से होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिये गये थे। इन सभी कार्यों में गैंग के लोगों के अलग-अलग कार्य निर्धारित थे। 

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एसटीएफ ने बताया कि इस गैंग के मोहम्मद वसी एवं शमसाद, बिहार के ऐसे लोगों को तलाशते थे, जो गल्फ कन्ट्री में नौकरी करते हैं। इन व्यक्तियों को कुछ पैसे का लालच देकर उनकी प्रोफाइल पर लोन कराकर सम्पत्ति खरीद लेते हैं। अधिकतर ऐसी सम्पत्तियां फर्जी व्यक्ति को खड़ा करके खरीदी जाती थीं। अथवा बिल्डर के साथ मिलीभगत करके लोन कराते थे और धन को आपस में बांट लेते थे। इसी प्रकार की एक सम्पत्ति रतनावासुदेवा नाम की महिला की दिल्ली में स्थित है। रतनावासुदेवा की मृत्यु हो चुकी है और उनके पुत्र विदेश में रहते हैं। रतनावासुदेवा के स्थान पर शाहिदा अहमद नाम की एक महिला को खड़ा करके उनकी सम्पत्ति सनाउल्ला अंसारी के नाम इस गैंग द्वारा करा दी गयी थी। इसमें 4.8 करोड रूपये का लोन बैंक से प्राप्त करके आपस में बांट लिया गया था। गैंग का एक सदस्य अनिल शर्मा, दिल्ली में इसी प्रकार की एक सम्पत्ति का फर्जी बैनामा कराके एलआईसी हाउसिंग से 1.25 करोड़ का लोन लेकर फर्जीवाडा करने के आरोप में मार्च-2025 में थाना ईओडब्लू दिल्ली में गिरफ्तार हुआ और वह जेल में निरूद्व है। इस प्रकार 100 करोड से अधिक के लोन के फर्जीवाडे़ के प्रारम्भिक साक्ष्य इन शातिर जालसाजों प्राप्त हुए हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के नोएडा, लखनऊ, बनारस, उत्तराखण्ड के हरिद्वार, चंडीगढ, दिल्ली और गुरुग्राम के कई बिल्डरों की भी मिलीभगत का पता चला है। 

एसटीएफ की पूछताछ में पता चला कि गैंग के सदस्य अशोक कुमार, नितिन जैन, कर्माकर, तारिक अनुज आदि ने कई प्रोपराईटर फर्म फर्जी व्यक्तियों के नाम से बना रखी है। इनमें धोखाधडी से प्राप्त धन को साइफनिंग करके अभियुक्तों को दिया जाता है। अब तक ऐसी 20 से अधिक शेल फर्मों की जानकारी प्राप्त हुई है जो धनशोधन के लिए प्रयुक्त की जा रही थी। फर्जी प्रोफाइल एवं धन की साइफनिंग के कारण न तो बैंक वास्तविक व्यक्ति तक पहुंच पाता है और यह गैंग पुलिस की पकड़ से भी बचा रहता था। इस गैंग के सदस्य हाईप्रोफाइल रहते हैं। इस मामले में गिरफ्तार राम कुमार एमबीए पास है। वसी, कम्पनी सेक्रेटरी (सीएस) और एमबीए और एलएलबी पास है। वसी कई वर्षों से एक्सचेंन्सर कम्पनी में लीगल एवं रिस्क मैनेजर के पद पर कार्य कर रहा था। गैंग के अन्य सदस्य अपनी पहचान छिपाकर फर्जी प्रोफाइल से काम करते हैं। ताकि उनकी वास्तविक पहचान उजागर नही हो पाती थी। गिरोह के विभिन्न बैंकों के लगभग 220 खातों को फ्रीज कराया गया है। इनके खिलाफ गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाना में धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340 (2), 61 (2), 66 डी आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

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