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FIITJEE ने 15 हजार छात्रों से की 206 करोड़ की धोखाधड़ी

दस ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई हुई समाप्त

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FIITJEE chhapa
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10 लाख रुपए, 4.89 करोड़ के जेवरात और तमाम संदिग्ध दस्तावेज बरामद 

15 हजार छात्र- छात्राओं से 250 करोड़ रुपए जुटाने के बाद अचानक बंद कर दिये कई केंद्र 

दिल्ली। हजारों छात्र-छात्राओं को धोखा देने वाले FIITJEE कोचिंग संस्थान के ठिकानों पर शनिवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापे की कार्रवाई समाप्त हो गई। ईडी ने इन ठिकानों से 10 लाख रुपए, 4.89 करोड़ रुपए कीमत के जेवरात और तमाम संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। गौरतलब है कि गुरूवार की अल सुबह गुरूग्राम के सेक्टर-44 स्थित FIITJEE कोचिंग सेंटर समेत उसके ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू हुई थी। 

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जांच में सामने आया है कि कोचिंग संचालकों ने इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने के 4 वर्षीय कोर्स के लिए करीब 15 हजार छात्र- छात्राओं से 250 करोड़ रुपए जुटाने के बाद जनवरी माह में अचानक कई शहरों में अपने केंद्र बंद कर दिए थे। इसके बाद लखनऊ, नोएडा, दिल्ली, भोपाल आदि शहरों में अभिभावकों ने कोचिंग संचालकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे। ईडी की जांच में पता चला कि कोचिंग संचालकों ने 206 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। बता दें कि ईडी ने गुरूवार को कोचिंग के संचालक डीके गोयल आदि के दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम के 10 ठिकानों पर छापा मारकर छात्रों के रजिस्टेशन और उनकी फीस की रकम को दूसरी जगहों पर डायवर्ट करने के पुख्ता सुराग जुटाए थे।

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कोचिंग ने शिक्षकों के वेतन का भुगतान भी नही किया

ईडी ने डीके गोयल का बयान भी दर्ज किया है। कोचिंग ने अपने शिक्षकों के वेतन का भुगतान भी नहीं किया और गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, नोएडा, प्रयागराज, दिल्ली, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर फरीदाबाद, गुरुग्राम, मुंबई आदि में 32 कोचिंग सेंटर अचानक बंद कर दिए। इससे लगभग 15000 छात्रों और अभिभावकों को व्यापक परेशानी का सामना करना पड़ा। FIITJEE कोचिंग सेंटर के मालिक डीके गोयल और प्रमोटरों पर कोचिंग के नाम पर वसूले गए रुपयों को निजी फायदे और अन्य कंपनियों में निवेश करने के गंभीर आरोप हैं। 

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कभी कोचिंग ब्रांडों में जाना जाता था फिटजी, अब संकट में

कभी देश के सबसे बड़े कोचिंग ब्रांडों में शुमार FIITJEE अब संकट के दौर से गुजर रहा है। कोचिंग के मालिक डीके गोयल पर वेतन रोकने समेत कई गंभीर आरोप भी लगे हैं। आईआईटी दिल्ली से स्नातक डीके गोयल ने वर्ष 1992 में इस कोचिंग संस्थान को स्थापित किया था। यह संस्थान आईआईटी-जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देशभर के छात्रों की पहली पसंद बन गया था। डीके गोयल ने महज 10,000 रुपये की पूंजी से दिल्ली में एक छोटे से कोचिंग सेंटर से FIITJEE की शुरुआत की थी। संस्थान का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन देना था। देखते ही देखते यहां से पढ़े छात्रों को बड़ी सफलताएं मिलने लगी। कई छात्रों ने तो आईआईटी-जेईई में टॉप रैंक हासिल किया। इससे संस्थान की लोकप्रियता बढ़ी। इसके बाद संस्थान ने देशभर में अपना विस्तार करना शुरू कर दिया। दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, पटना, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई जैसे शहरों में इसके 73 स्टडी सेंटर खुल गए। इस दौरान संस्थान ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के अलावा बल्कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी शुरू कर दी।

डीके गोयल पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार

इस कोचिंग का कुल वार्षिक कारोबार 542 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसके अतिरिक्त, डीके गोयल द्वारा दो ग्लोबल स्कूल, छह वर्ल्ड स्कूल और 72 एसोसिएट स्कूल भी संचालित किए जा रहे थे। पिछले जनवरी में देशभर के कई शहरों के कोचिंग सेंटर्स को बंद करने के बाद अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। विरोध प्रदर्शन और मुकदमे दर्ज होने लगे। इन घटनाओं के चलते संस्थापक डीके गोयल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। आरोप है कि डीके गोयल कर्मचारियों से दुर्व्यहार करते थे। कई केंद्रों में वेतन न मिलने से शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया। उस समय गोयल ने यह कह दिया कि वेतन कोई अधिकार नहीं है। यह कहते हुए कुछ कर्मचारियों का वेतन रोक दिया। इसके बाद शिक्षकों की नाराजगी और संस्थान से दूरी बनाये जाने के कारण कारण दिल्ली एनसीआर, नोएडा, और ग्रेटर नोएडा सहित कई केंद्र अचानक बंद हो गए। 

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