PM हाउस से मनरेगा को खत्म करने का लिया गया फैसला, देशव्यापी आंदोलन करेगी कांग्रेस-मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एसआईआर समेत आगमी चुनावों को लेकर गंभीर मंथन
कहा-भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत जगजाहिर है, वन मैन शो चला रहे मोदी
सिर्फ दो-तीन उद्योगपतियों को पूरा फायदा पहुंचा रही मोदी सरकार
नई दिल्ली। नई दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मनरेगा की जगह नया कानून लाने, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा हुई। एसआईआर को लेकर गहार चिंता जताई गई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों के मुद्दे पर चारों तरफ से गंभीर संकट से घिरा है। खरगे ने मनरेगा की जगह नया कानून लाने पर भी नाराजगी जाहिर की और कहाकि मनरेगा कानून को खत्म कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया गया है।



खरगे ने कहा कि मनरेगा को खत्म करना, राष्ट्रपति महात्मा गांधी का अपमान है। ये फैसला सीधे पीएम हाउस से लिया गया है। कैबिनेट, राज्यों से बिना पूछे ही ये फैसला लिया गया है। इससे जनता को पता लग जाएगा कि आज के हालत क्या है। मोदी वन मैन शो चला रहे हैं, मोदी जी जो करना चाहते हैं करते हैं। उसका पूरा फायदा 2-3 उद्योगपतियों को मिल रहा है। ग्रामीण इलाकों को नुकसान हो रहा है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम मनरेगा को लेकर ठोस रणनीति बनाएं और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी जन अभियान चलाएं। खरगे ने कहाकि सरकार ने काम करने के अधिकार पर सुनियोजित हमला किया है।

गांधी सरनेम से सरकार को दिक्कत
मनरेगा कानून की तारीफ करते हुए कहा कि इस योजना ने ग्रामीण भारत का चेहरा बदला। यह दुनिया का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बना। इससे पलायन रुका, गांवों को अकाल, भूख और शोषण से मुक्ति मिली। उन्होंने कहाकि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। मनरेगा को सोनिया गांधी की टीम ने दिया था। लाखों परिवारों का भरण-पोषण दिया। मनरेगा नहीं तो लाखों लोग मर जाते। कांग्रेस हर हाल में मनरेगा की रक्षा करेगी। मजदूरों के अधिकारों के लिए हम संघर्ष करेंगे। केंद्र सरकार ने बिना सलाह के मनरेगा को खत्म किया। खरगे ने कहाकि मनरेगा से राष्ट्रपिता गांधी का नाम हटाना उनका अपमान है। क्योंकि सोनिया गांधी, मनमोहन जी ने मनरेगा को कानून बनाया था। हमने हक दिया और सरकार नाम बदल रही है। मोदीजी को केवल गांधी परिवार ही नहीं, महात्मा गांधी का भी नाम पसंद नहीं हैं। गांधी सरनेम से सरकार को दिक्कत है।

एसआईआर को लेकर खरगे ने कहाकि मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण एक गंभीर मुद्दा है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की सोची-समझी साजिश है। भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत जगजाहिर है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदाता सूची में दलित, आदिवासी, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के नाम न कटने पायें। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों और क्रिसमस के मौके पर कई इलाकों में सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश पर चिंता जताई गई। इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात और सरकार के खिलाफ कांग्रेस के एक्शन प्लान पर भी चर्चा हुई। साथ ही मनरेगा की जगह लाए गए नए कानून ’विकासशील भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी एक्ट के खिलाफ रणनीति तय की गई।
हिमंत बिस्वा सरमा के राज में रोजाना भ्रष्टाचार और कुशासन का पर्दाफाश हो रहा
कांग्रेस ने कहाकि इस कानून के विरोध में देशभर में आंदोलन और प्रदर्शन किए जाएंगे। बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों- तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। इनके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया। अगले साल असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने असम के सीएम पर निशाना साधा। कहाकि हिमंत बिस्वा सरमा के राज में रोजाना भ्रष्टाचार और कुशासन का पर्दाफाश हो रहा है। हर दिन उनके कैबिनेट के किसी न किसी विधायक के बारे में गलत कारणों से खबरें दिखती हैं। कभी गायों की तस्करी में शामिल, कभी जमीन खरीदने को लेकर किसी को धमकी देना, कभी अवैध रेत माफिया या कोयला माफिया से जुड़े होने की खबरें आती हैं। यही नही लोगों की नागरिकता पर भी सवाल उठ रहे हैं। हिमंत बिस्वा सरमा सरकार में एक विधायक हैं जिनकी बांग्लादेशी होने की पहचान पर सवाल उठे हैं। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब वह खुद नहीं दे पाए हैं। बैठक से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।
