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कांग्रेस के BJP कार्यालय घेराव से पहले कांग्रेस नेताओं को पुलिस प्रशासन ने कर लिया गया हाउस अरेस्ट

सड़कें पुलिस छावनी में तब्दील, रामनगर और सिगरा में गिरफ्तार कर लिये गये नेता और कार्यकर्ता 

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सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने किया था मार्च निकालने का एलान

मलदहिया से गुलाब बाग तक भारी फोर्स के साथ पहले से तैनात थे पुलिस अफसर, घरों पर भी पहुंच गई फोर्स

वाराणसी, भदैनी मिरर। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ईडी की गैर कानूनी कार्रवाई के खिलाफ वाराणसी में कांग्रेस के विरोध मार्च से पहले नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया। मलदहिया चौराहे से लेकर गुलाब बाग स्थित भाजपा कार्यालय तक पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। आखिरकार जबर्दस्त पुलिस घेरेबंदी के कारण कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध मार्च नही निकाल सके। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

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कहाकि कांग्रेस नेताओं को हाउस अरेस्ट करना और कार्यक्रम स्थल को पुलिस छावनी में तब्दील करना बताता है कि मोदी सरकार कांग्रेस से कितना डरी हुई है। देश जानता है कि लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। सत्ता का विरोध करनेवाले हर आम आदमी को कुचला जा रहा है। लेकिन कांग्रेस इससे घबरानेवाली नही है। यह वही कांग्रेस है जिसने अंग्रेजों की तानाशाही देखा लेकिन घुटने नही टेके। आखिरकार अंग्रेजों को देश छोड़कर जाना पड़ा। अब वही कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार के तानशाही के सामने सीना तानकर खड़ी है। हम न झुके हैं, न झुकेंगे। कांग्रेस का एक-एक सिपाही इस दमनकारी सरकार के विरोध में डटकर खड़ा रहेगा।

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कांग्रेस ने कहाकि देश का लोकतंत्र आज गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर विपक्ष की आवाज़ को दबाने का लगातार प्रयास कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के माध्यम से कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को फर्जी एवं मनगढ़ंत मामलों में फसाया जाना इसी राजनीतिक प्रतिशोध की नीति का जीता-जागता उदाहरण है। यह कार्रवाई न तो कानून के दायरे में है और न ही लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप। गुरूवार को वाराणसी में प्रादेशिक नेतृत्व के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी द्वारा लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से चेतावनी प्रदर्शन आयोजित किया जाना था। कार्यक्रम के तहत मलदहिया स्थित लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर एकत्र होकर सिगरा स्थित भाजपा कार्यालय तक विरोध दर्ज कराने की योजना थी। लेकिन सत्ता की घबराहट इतनी अधिक है कि प्रदर्शन से पहले ही महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, ज़िलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष युवा कांग्रेस चंचल शर्मा  सहित अन्य कार्यकर्ता पदाधिकारियों को पुलिस द्वारा आवास पर नजरबंद कर दिया गया। रामनगर थाने में गिरफ्तार होने वालो में संतोष चौरसिया, राजूराम, गिरीश पांडेय, आशीष पटेल आदि लोग गिरफ्तार करके रामनगर थाने बैठा लिये गये। सिगरा थाने में प्रदेश प्रवक्ता संजीव सिंह, पुलक त्रिपाठी गिरफ्तार कर बैठाए गए। मोदी सरकार का यह रवैया दर्शाता है कि भाजपा सरकार जनआक्रोश और सच्चाई से डर चुकी है।

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महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहाकि आज जब जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व हमको हाउस अरेस्ट किया गया तो हमलोगों ने निर्णय लिया कि सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुलिसवालों गुलाब का फूल भेंट कर सरकारी संस्थाओं के दुरुपयोग न किया जाए इसका आग्रह किया जाएगा। पर निकम्मी सरकार के दबाव में पुलिस ने फूल लेना भी स्वीकार नहीं किया। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी संवैधानिक संस्था का खुला दुरुपयोग किया जा रहा है। ईडी को एक निष्पक्ष जांच एजेंसी की जगह सरकार ने विपक्ष को डराने-धमकाने और राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का हथियार बना दिया है। सोनिया गांधी एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को फर्जी, आधारहीन और वर्षों पुराने मामलों में घसीटना इसी सत्ता-प्रेरित दुरुपयोग का सबसे बड़ा उदाहरण है। देश की जनता यह साफ़ देख रही है कि जिन नेताओं ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए, उनकी आवाज़ को दबाने के लिए ईडी, सीबीआई और अन्य संस्थाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह न केवल लोकतंत्र के लिए खतरनाक है, बल्कि संविधान की आत्मा पर सीधा हमला है।

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जांच एजेंसियों की स्वतंत्रता समाप्त कर उन्हें राजनीतिक दबाव में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश है। वाराणसी में प्रादेशिक नेतृत्व के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी द्वारा लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण चेतावनी प्रदर्शन प्रस्तावित था। लेकिन प्रदर्शन से पहले ही ज़िलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल जी, महानगर अध्यक्ष युवा कांग्रेस चंचल शर्मा अन्य लोगों को और मुझे पुलिस द्वारा हमारे आवास पर नजरबंद कर दिया गया। व रामनगर में सात कार्यकर्तावों को गिरफ्तार किया गया। सिगरा थाने में तीन कांग्रेसजन गिरफ्तार हुए हैं। यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार सच और जनआवाज़ से डर चुकी है। सरकार को यह भ्रम नहीं पालना चाहिए कि नजरबंदी और दमन से विपक्ष की आवाज़ दब जाएगी। कांग्रेस पार्टी यह स्पष्ट करती है कि ईडी के नाम पर हो रही यह राजनीति देश के लोकतंत्र को कमजोर करने वाली है। जब महंगाई, बेरोज़गारी, किसानों की समस्याएं और युवाओं का भविष्य सवालों के घेरे में है, तब जनता का ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस इस साजिश को सफल नहीं होने देगी।

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हम चेतावनी देते हैं कि यदि सरकार ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद नहीं किया, तो कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष को और तेज़ करेगी। सत्ता कितनी भी ताक़त लगा ले, सच को दबाया नहीं जा सकता। भाजपा सरकार यह भूल रही है कि लोकतंत्र में असहमति कोई अपराध नहीं है। सवाल पूछना, विरोध करना और जनहित में आवाज़ उठाना नागरिकों और राजनीतिक दलों का संवैधानिक अधिकार है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा संविधान, लोकतंत्र और संस्थाओं की स्वतंत्रता की रक्षा की है। आज जब देश में महंगाई, बेरोज़गारी, किसानों की बदहाली, युवाओं के भविष्य और सामाजिक सौहार्द जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, तब यह और भी स्पष्ट हो जाता है कि सरकार जवाब देने की बजाय दमन का रास्ता चुन रही है। कहाकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर, नेताओं पर झूठे मुकदमे थोपकर और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर भाजपा सरकार अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकती। कांग्रेस पार्टी न डरने वाली है, न झुकने वाली है। यह लड़ाई किसी एक नेता की नहीं, बल्कि देश के संविधान, लोकतंत्र और जनता के अधिकारों की रक्षा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी सत्य, संविधान और जनता के साथ खड़ी थी, खड़ी है और आगे भी पूरी मजबूती के साथ खड़ी रहेगी।

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