
सीएम एमके स्टालिन बोले-गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव कर रही मोदी सरकार, पूछा-यह कैसी है वाशिंग मशीन?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने साधा भाजपा सरकार पर निशाना, कहा-राज्यपालों के जरिए फैलाई जा रही अराजकता



राज्य के मंत्री थंगम थेनारासु ने केंद्र से पूछे 10 सवाल, कहा-फंड में भेदभाव और परियोजना मंजूरी में देरी क्यों की जा रही है
तमिलनाडु। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए राज्य के साथ गहरा पक्षपात करने का आरोप गंभीर आरोप लगाया है। कहाकि इस मामले में न केवल राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने वित्तीय भेदभाव की ओर इशारा किया बल्कि लोगों के दिलों में भी कई सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि जो लोग भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे हैं और वे भाजपा गठबंधन में शामिल होते ही कैसे साफ हो जाते हैं? यह कैसी वॉशिंग मशीन है?
मुख्यमंत्री ने पूछा कि देश की योजनाओं और कानूनों के नाम केवल हिंदी और संस्कृत में ही क्यों रखे जाते हैं।



उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि केंद्रीय मंत्री हमारे बच्चों को अंधविश्वास क्यों सिखा रहे हैं? और विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों में राज्यपालों के जरिए अराजकता क्यों फैलाई जा रही है? एम के स्टालिन ने आरोप लगाया कि वोट पाने के लिए भाजपा धांधली की रणनीति अपना रही है। वह एसआईआर मॉडल के जरिए चुनाव में गड़बड़ी कर रही है। सवाल उठाया कि केंद्र सरकार कीझाड़ी पुरातात्विक स्थल की वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित रिपोर्ट को स्वीकार क्यों नहीं कर रही? क्या आप फिर से व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से झूठा प्रचार शुरू करेंगे?

आपको बता दें कि इससे पहले, 17 अक्तूबर को विधानसभा में राज्य की वित्तीय स्थिति पर वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने केंद्र से 10 सवाल पूछे और वित्तीय भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहाकि सहकारी संघवाद के नाम पर जीएसटी सुधार के बावजूद राज्यों को उचित हिस्सा नहीं मिल रही। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और हिंदी थोपकर तमिलनाडु के बच्चों की शिक्षा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सड़कों योजनाओं में तमिलनाडु को शामिल न करना भेदभाव का जीता-जागता उदाहरण है। दक्षिण रेलवे को नई परियोजनाओं के लिए फंड में भेदभाव किया जा रहा है। मदुरै और कोयंबटूर मेट्रो रेल परियोजनाओं को मंजूरी में देरी की जा रही है। जल जीवन मिशन योजना के तहत तमिलनाडु को मिलने वाले 3709 करोड़ की राशि जारी नही की जा रही है। जनसंख्या में 6ःप्रतिशत हिस्सेदारी के बावजूद वित्तीय वितरण में केवल 4 प्रतिशत हिस्सा दिया जा रहा है। यह सब गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव नही तो और क्या है।


