आठवें वेतन आयोग के गठन के लिए कैबिनेट से मंजूरी, इस दिन से लागू होंगी सिफारिशें
सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने की हो सकती है कोशिश

पुरानी पेंशन बहाली समेत तमाम मुद्दों को लेकर आंदोलित हैं कर्मचारी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए आठवें वेतन आयोग की सेवा शर्तों को मंजूरी दी। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई आयोग की अध्यक्ष होंगी। आयोग को 18 महीने में रिपोर्ट जमा करनी होगी, और सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। आयोग की रिपोर्ट का फायदा प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को होगा। कर्मचारी नेताओं का मानना है कि 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हो सकती है।



वित्त विभाग से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक आयोग की अनुशंसा पहले केंद्रीय सेवाओं में लागू होगी। इसके बाद इसे राज्यों में लागू किया जाएगा। भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद राज्यों में इसका फायदा सबसे पहले उन कर्मचारियों को मिलेगा, जिनका वेतन राज्य सरकार के बजट से जाता है। इसके बाद निगमों को मिलेगा। आपको बता दें कि केंद्र से अधिसूचना जारी होने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट के पास जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। उधर, आयोग के गठन को मंजूरी का कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि आठवें वेतन आयोग के दायरे में कर्मचारियों के वेतन भत्तों, संरचना, वर्किंग कंडीशन आदि पर विचार किया गया है। उनका कहना है कि यदि कर्मचारियों से अंशदान लिए बिना सरकार पेंशन सुविधा देने पर विचार करती है तो यह पुरानी पेंशन की वापसी के बराबर ही होगा।

गौरतलब है कि पुरानी पेंशन की बहाली, निजीकरण समेत तमाम मुद्दों को लेकर देशभर में विभिन्न कर्मचारी संगठन आंदोलनरत है। पिछले दिनों दिल्ली के रामलीला मैदान में कर्मचारियों की एतिहासिक रैली हुई थी। कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के नीचे कुछ भी मानने को तैयार नही हैं। आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी की खबर के साथ यह भी माना जा रहा है कि नवम्बर में होनेवाले बिहार चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार ने यह पहल की है। कोशिश होगी कि लाखों कर्मचारियों का पार्टी को वोट हासिल हो सके। क्योंकि बिहार के शिक्षकों में इस बात को लेकर नाराजगी है। दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान भीड़ की नाराजगी का अंदाजा सरकार को हुआ तो होगा ही!



