
देश में डिजिटल शिक्षा के लिए अग्रणी भूमिका निभाएगा BHU
शिक्षा मंत्रालय ने बीएचयू को स्वयं प्लेटफॉर्म पर राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया




गवर्निंग बोर्ड की बैठक में विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय समन्वयक बनाने के निर्णय को अनुमोदित किया
वाराणसी, भदैनी मिरर। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय को (SWAYAM) प्लेटफॉर्म पर राष्ट्रीय महत्व की संस्थाओं (Institutions of National Importance) के लिए राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में नियुक्त है। यह कदम देश में डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाने में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता और योगदान को परिलक्षित करता है। गवर्निंग बोर्ड की 26वीं बैठक में विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय समन्वयक बनाने के निर्णय को अनुमोदित किया गया।
डॉ. आशुतोष मोहन, प्रबंधन अध्ययन संस्थान, बीएचयू, को इस कार्य के लिए राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया है। वे वर्तमान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्वयं के समन्वयक हैं। अब बीएचयू INIs द्वारा विकसित मासिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेस (MOOCs) की प्रशासनिक, शैक्षणिक और रणनीतिक देखरेख करेगा।

ऑनलाइन पाठ्यक्रम गुणवत्ता, पहुंच और प्रासंगिकता के वैश्विक मानकों को पूरा करना उद्देश्य
डॉ. मोहन ने कहा, “यह जिम्मेदारी हमारे लिए सम्मान है और उत्तरदायित्व भी। बीएचयू ने हमेशा उच्च गुणवत्ता युक्त डव्व्ब्े, आधुनिक अधोसंरचना और सशक्त शैक्षणिक नींव के माध्यम से डिजिटल शिक्षा का नेतृत्व किया है। राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत की प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा विकसित ऑनलाइन पाठ्यक्रम गुणवत्ता, पहुंच और प्रासंगिकता के वैश्विक मानकों को पूरा करें। हम उपयोगकर्ता अनुभव को सशक्त करने, क्रेडिट ट्रांसफर को आसान बनाने और पाठ्यक्रम प्रक्रिया को SWAYAM 2024 दिशानिर्देशों के अनुरूप सुव्यवस्थित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम शिक्षा मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हैं और इस दायित्व को उत्कृष्टता के साथ निभाने का संकल्प लेते हैं।


संस्थानों द्वारा विकसित अधिकांश ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का समन्वय अब बीएचयू करेगा
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलगुरू और प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार ने बीएचयू स्वयं टीम को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी और भरोसा जताया कि बीएचयू इस भूमिका में एक मानक संस्थान के रूप में स्थापित होगा। इस नियुक्ति के साथ, स्वयं प्लेटफॉर्म पर कार्यरत राष्ट्रीय समन्वयकों की संख्या 10 हो गई है। इनमें AICTE, UGC, CEC, NCERT, NIOS, IIM-बैंगलोर, IGNOU, NITTR और NPTEL – IIT मद्रास शामिल हैं। वर्तमान में भारत में 160 से अधिक राष्ट्रीय महत्व की संस्थाएं हैं, जिनमें IITs, NITs, AIIMS, IISERs, IIITs, केंद्रीय विश्वविद्यालय और विशिष्ट संस्थान शामिल हैं। विशुद्ध तकनीकी पाठ्यक्रमों को छोड़कर, इन संस्थानों द्वारा विकसित अधिकांश ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का समन्वय अब बीएचयू द्वारा किया जाएगा। बीएचयू पहले से ही इस क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है। विश्वविद्यालय ने अब तक 37 स्वयं पाठ्यक्रम विकसित किए हैं और 63 नए पाठ्यक्रम जुलाई तक लांच होने की योजना में हैं। इसके अलावा BHU के पास एक आधुनिक, उच्च गुणवत्ता युक्त डिजिटल स्टूडियो भी है, जहां इन पाठ्यक्रमों की रिकॉर्डिंग का कार्य किया जाता है।

राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में बीएचयू इन प्रमुख कार्य को करेगाः
1. INIs को स्वयं पाठ्यक्रमों के विकास, मूल्यांकन और संचालन में शैक्षणिक व प्रशासनिक सहायता देना।
2. SWAYAM 2024 के संशोधित दिशा-निर्देशों का मार्गदर्शन प्रदान करना।
3.पाठ्यक्रमों की पुनरावृत्ति रोकना और विषयवस्तु की प्रासंगिकता सुनिश्चित करना।
4.मूल्यांकन और प्रमाणन मानकों को नियामक संस्थाओं के सहयोग से सुव्यवस्थित करना।
5.परीक्षा के पश्चात UGC/NTA-अनुपालन योग्य क्रेडिट ट्रांसफर को सक्षम बनाना।
यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप एक सुव्यवस्थित और मापनीय ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की दिशा में एक अहम कदम है। बीएचयू का यह दायित्व डिजिटल शिक्षा में शैक्षणिक उत्कृष्टता व प्रशासनिक दक्षता का आदर्श प्रस्तुत करेगा।

