नाबालिग से यौन उत्पीड़न मामले में सजा काट रहे आसाराम को हाईकोर्ट से मिली जमानत
स्वास्थ्य कारणों से छह माह के लिए मिली राहत, बीमार चल रहे हैं आसाराम, अनुयायियों में खुशी की लहर

अप्रैल 2018 में जोधपुर की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
राजस्थान। जोधपुर हाईकोर्ट से बड़ी खबर सामने आई है। आसाराम बापू को जोधपुर हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके उपचार के लिए दायर नियमित जमानत याचिका को मंजूर करते हुए उन्हें छह महीने की जमानत दे दी है। उन्हें यह राहत स्वास्थ्य कारणों के आधार पर मिली है। आसाराम की स्थिति देख सब एक ही चर्चा करते हैं कि सब समय का चक्कर है। कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगायत बड़े-बड़े नेता आसाराम के मंच पर आकर उनके सामने झुकते थे, आज उनके चंद समर्थकों के अलावा कोई उनके साथ नही है। आशाराम के मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आसाराम को इलाज के लिए जमानत देने का फैसला सुनाया।



यौन उत्पीड़न के आरोपित आसाराम का मामला लंबे समय से चर्चा में है। राजस्थान हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद अब उन्हें 6 माह जेल ेमें नही रहना पड़ेगा। कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत, यशपा लसिंह राजपुरोहित ने आसाराम का पक्ष रखा। अधिवक्ताओं ने अपनी दलील में कहा कि उपचार के लिए आसाराम का जेल से बाहर रहना जरूरी है। ऐसे में बिना कस्टडी के जमानत मिलने से आसाराम के उपचार में राहत मिलेगी। कोर्ट ने आसाराम की बीमारी अवस्था व पिछले 12 साल से जेल में होने और अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होते हुए उन्हें राहत प्रदान कर दी। आपको बता दें कि आसाराम लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। अपनी स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं को लेकर उन्होंने अपने अधिवक्ता के जरिए नियमित जमानत की मांग की थी। हाईकोर्ट से आसाराम को जमानत मिलने की खबर से उनके अनुयायियों में खुशी की लहर है। आपको यह भी बता दें कि आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वो जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं। इससे पहले 7 जनवरी 2025 को चिकित्सा कारणों से अंतरिम जमानत मिली थी।

आपको यह भी बता दें कि कथावाचक संत आसाराम अपने जमाने में कभी वैसे ही चर्चित थे जैसे आजकल के कथित संत और कथावाचकों की स्थिति है। या यह मान लीजिए कि उनका भी जलवा था। कभी उनके कथा मंडप में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गये थे। उनको नमन किया था। उनका यह वीडियो आज भी रह-रहकर वायरल होता रहता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में अनुयायियों के वोट के कारण कई बड़े नेता आसाराम के आगे नतमस्तक होते थे। तब उनके जलवे को देखते हुए शायद उन्हें भी गुमान हो गया होगा कि उनका सूरज अस्त नही होनेवाला है। लेकिन सब समय का फेर है और आज उन्हें जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ रहा है। कभी खुले आसमान के नीचे तो कोठियों में समर्थकों से घिरे रहनेवाले आसाराम ने कभी सोचा भी नही होगा कि एक दिन उन्हें ऐसे दिन भी देखने पड़ेंगे। जो पाप और पुण्य, कर्म के सिद्धांत आदि वह प्रवचन अपने भक्तों को सुनाते थे और उन्हीं पर लागू हो गया।



