जस्टिस यशवंत वर्मा के हाईकोर्ट ट्रांसफर का विरोध, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए अधिवक्ता
इलाहबाद हाईकोर्ट बार ने की केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग




यूपी,भदैनी मिरर। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से नोट विवाद में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरण की सिफारिश से आहत इलाहबाद हाईकोर्ट बार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है. एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस प्रकरण में तत्काल केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की है. बार एसोसिएशन ने स्पष्ट कर दिया है जब तक स्थानांतरण रद्द नहीं होता वह न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से पहले सोमवार को इलाहबाद हाईकोर्ट बार ने आम सभा की बैठक बुलाई. जिसमें 11 विन्दुओं पर निर्णय लिया गया. जिसमें महाभियोग चलाने से लेकर सीबीआई या ईडी जैसी संस्थाओं द्वारा एफआईआर दर्ज कर जाँच करवाने की मांग शामिल है.
सरकारी आवास में भारी मात्रा में नगदी मिलने के बाद बढ़े विवाद पर 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की आयोजित बैठक में जस्टिस यशवंत वर्मा को उनके मूल न्यायालय (हाईकोर्ट इलाहाबाद) वापस भेजने की सिफारिस की गई. उसके बाद मुख्य न्यायाधीश दिल्ली हाईकोर्ट देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने नोटिस जारी कर जस्टिस वर्मा से न्यायिक कार्य वापस लेने का आदेश दे दिया था. जस्टिस वर्मा अब तक जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर के साथ दो सदस्य पीठ का हिस्सा थे.

तीन सदस्यीय कमेटी कर रही जाँच
कथित रुप से जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर मिले भारी नोट मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली कमेटी में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट के जज जस्टिस शिवरामन शामिल है.


