मौनी अमावस्या का पावन पर्व माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह दिन अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और आत्म चिंतन का विशेष महत्व होता है। आइए जानते है काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शास्त्री से इस दिन स्नान- दान का शुभ मुहूर्त और महत्व।
मौनी अमावस्या 2025 का मुहूर्त
- अमावस्या तिथि का आरंभ: 28 जनवरी 2025, शाम 7:35 बजे
- अमावस्या तिथि का समापन: 29 जनवरी 2025, शाम 6:05 बजे
- स्नान-दान का ब्रह्म मुहूर्त: 29 जनवरी 2025, सुबह 5:25 से सुबह 6:19 तक
- विशेष स्नान का समय: सुबह 9:03 से सुबह 10:48 तक
यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-दान कर सकते हैं, तो इसे सबसे श्रेष्ठ माना गया है। हालांकि, पूरे दिन स्नान-दान के लिए शुभ समय माना गया है।
मौनी अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, माघ मास में जब सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में होते हैं, तब इस समय को मौनी अमावस्या कहा जाता है। यह दिन आत्म-साक्षात्कार और ध्यान के लिए महत्वपूर्ण है।
- ज्योतिषीय दृष्टि से:
- मकर राशि कर्म का प्रतीक है।
- सूर्य आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि चंद्रमा मन का।
- इन तीनों का संगम मौनी अमावस्या को विशेष बनाता है।
यह दिन योगियों, तपस्वियों और साधकों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस दिन गंगा स्नान से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या पर क्या करें?
- गंगा स्नान:
मौनी अमावस्या के दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। - पितृ तर्पण और पिंडदान:
पितरों के तर्पण और पिंडदान से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। - दान-पुण्य:
- सूर्य को अर्घ्य दें और दान करें।
- तिल, गुड़, अन्न और वस्त्र का दान विशेष फलदायी होता है।
- तेल का दीपक जलाकर पीपल की परिक्रमा करें।
- मंत्र जाप:
- ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः
- ओम नमः शिवाय
इन मंत्रों के जाप का फल 1000 गुना बढ़ जाता है।
राशियों पर मौनी अमावस्या का प्रभाव
- मेष: आत्मविश्वास में वृद्धि
- वृषभ: व्यापार में लाभ
- कर्क: धन के नए स्रोत प्राप्त होंगे
- कन्या: मन प्रसन्न रहेगा और व्यापार में वृद्धि होगी
मौनी अमावस्या के विशेष महत्व
- इसे सभी अमावस्या में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
- इस दिन मौन रहकर आत्म चिंतन और मन की शुद्धि का विशेष महत्व है।
- महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर स्नान का अद्वितीय महत्व है।
इस शुभ दिन पर गंगा स्नान, दान-पुण्य और आध्यात्मिक क्रियाओं से आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति ला सकते हैं।