वाराणसी में महाकुंभ स्नान के बाद काशी आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सड़कों पर नजर आई। शनिवार को वाराणसी जंक्शन समेत सभी रेलवे स्टेशन यात्रियों से भरे हुए थे। प्रयागराज से आने वाली ट्रेनें अब अधिकतर खाली हो चुकी हैं। अन्य दिनों के मुकाबले शनिवार को चार गुना ज्यादा पर्यटक बनारस पहुंचे हैं। ट्रेनों के अलावा रोडवेज बस स्टैंड, प्राइवेट बस स्टॉप, एयरपोर्ट और आसपास के रेलवे स्टेशनों पर भी यात्रियों का हुजूम था।



इतना ही नहीं, 5 हजार से ज्यादा निजी वाहन रात भर शहर में पहुंचते रहे। इसके परिणामस्वरूप सड़कें जाम से जकड़ी हुई थीं, और पुलिस अधिकारियों को सड़कों पर तैनात देखा गया। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज से काशी लौट रहे श्रद्धालुओं का बड़ा समूह आज वाराणसी में था। काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाटों की सड़कें श्रद्धालुओं से भरी हुई थीं। गोदौलिया से लेकर मैदागिन तक लंबी कतारें थीं, और चौक इलाके की गलियां भी श्रद्धालुओं से भरी हुई थीं।


मकर संक्रांति से शुरू होकर अब तक श्रद्धालुओं की प्राथमिकता गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ एवं बाबा काल भैरव के दर्शन रहे हैं। अनुमान के अनुसार, शनिवार सुबह तक लगभग सात लाख श्रद्धालु प्रयागराज से बनारस पहुंचे थे। यातायात पुलिस ने श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिले की सीमा में बाहरी वाहनों को रोक दिया।



प्रयागराज से आने वाले वाहनों का शहर में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया। शहरी क्षेत्र में केवल वाराणसी रजिस्टर्ड गाड़ियों को अनुमति दी गई है, जबकि दूसरे शहरों से आने वाली गाड़ियों को शहर के बाहर पार्किंग स्थलों पर खड़ा करना होगा। पार्किंग स्थल से ऑटो, टोटो या यूपी-65 नंबर वाली गाड़ियों के माध्यम से ही श्रद्धालु शहर में प्रवेश कर सकेंगे। कई क्षेत्रों में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

