Home महाकुंभ-2025 Mahakumbh 2025 : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सपत्नीक संगम में लगाई आस्था की डुबकी, कहा- जीवन धन्य हो गया

Mahakumbh 2025 : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सपत्नीक संगम में लगाई आस्था की डुबकी, कहा- जीवन धन्य हो गया

by Ankita Yadav
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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में शनिवार को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संगम तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ भी उनके साथ रहीं। प्रयागराज एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। उपराष्ट्रपति ने मां गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना की और आरती उतारी, जिससे पूरा संगम क्षेत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।

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उपराष्ट्रपति ने इस अवसर को जीवन धन्य करने वाला क्षण बताया। त्रिवेणी संगम में स्नान के पूर्व संगम नोज व आस-पास के घाटों पर स्नान कर रहे स्नानार्थियों का अभिवादन किया। स्नान के बाद उन्होंने तीर्थराज प्रयाग की जय और नमः पार्वति पतये हर-हर महादेव का जयकारा उद्घोषित किया।

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यहां से वह अरैल संगम घाट की ओर बढ़े जहां क्रूज पर सवार होकर उन्होंने नौकायन का आनंद लिया और त्रिवेणी संगम में चिह्नित स्थान पर स्नान किया। इस दौरान स्वस्ति वाचन की गूंज के मध्य धनखड़ ने सिर पर शिवलिंग रखकर आस्था की पवित्र डुबकी लगाई। इस दौरान वृंदावन के मुख्य पुजारी पुंडरीक गोस्वामी ने पूजन-अर्चन किया।

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77 देशों के राजनयिकों ने किया पुण्य स्नान

महाकुंभ 2025 की भव्यता देखने के लिए 77 देशों के 118 राजनयिक भी प्रयागराज पहुंचे। अरैल घाट पर स्नान कर उन्होंने भारतीय संस्कृति और आस्था का अनुभव किया। राजनयिकों ने इस विशेष अवसर पर अपने-अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज भी वहां लगाए।

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महाकुंभ की भव्यता से हुए अभिभूत

राजनयिकों ने महाकुंभ की दिव्यता और व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार और विदेश मंत्रालय द्वारा की गई व्यवस्थाओं को देखकर वे अभिभूत नजर आए। संगम तट पर स्वागत समारोह के दौरान राजनयिकों ने भारतीय परंपराओं को अपनाते हुए आध्यात्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया।

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महाकुंभ बना वैश्विक आस्था का केंद्र

महाकुंभ 2025 केवल भारत का नहीं, बल्कि वैश्विक आयोजन बन चुका है। दुनियाभर के श्रद्धालु और राजनयिक इस ऐतिहासिक पर्व का हिस्सा बन रहे हैं। प्रयागराज में उमड़ा यह आध्यात्मिक सैलाब भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आस्था की वैश्विक पहचान को और मजबूत कर रहा है।

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