Home वाराणसी Kuber Temple : रावण के ससुराल में विराजमान है धन देवता कुबेर, धनतेरस पर केवल दर्शन मात्र से मिलती है अपार समृद्धि

Kuber Temple : रावण के ससुराल में विराजमान है धन देवता कुबेर, धनतेरस पर केवल दर्शन मात्र से मिलती है अपार समृद्धि

by Bhadaini Mirror
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वैसे तो पूरे भारतवर्ष में कई देवी-देवताओं के असंख्य मंदिर है, लेकिन धन के देवता भगवान कुबेर का मंदिर बहुत कम ही देखने को मिलेगा. आज धनतेरस के पावन पर्व पर हम आपको भगवान कुबेर के एक प्राचीन मंदिर के बारे में बताएंगे. कहा जाता है धनतेरस और दिवाली के दिन इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों को अपार धन की प्राप्ति होती है. आइए जानते है कहां स्थित है भगवान कुबेर का ये मंदिर और इससे जुड़ी कहानी के बारे में…

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यहां स्थित है यह मंदिर

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हम जिस मंदिर की बात कर रहें है, वो मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर खिलचिपुरा में स्थित है, जो कुबेर मंदिर (Kuber Temple) के नाम से प्रसिद्ध है। बता दें कि मदसौर को रावण का सुसराल भी कहा जाता है, लेकिन कुछ लोगों का मानना ये भी था, कि लंकेश का सुसराल राजस्थान में था. यह मंदिर भले ही देखने में छोटा है, लेकिन मान्यताओं और विशेषताओं में कहीं अधिक बड़ा माना जाता है.

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धनतेरस और दिवाली पर विशेष पूजा से होती है धन वर्षा

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कुबेर मंदिर का इतिहास बहुत रोचक है और माना जाता है कि यह लगभग 600 वर्ष पुराना है. मान्यता है कि धनतेरस और दिवाली पर यहां पूजा-अर्चना करने से धन के देवता कुबेर भक्तों पर धन की वर्षा करते हैं.

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मुगलों ने किया था मंदिर पर आक्रमण

वहीं स्थानीय और अन्य कई लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण मराठा काल से पहले किया गया था. प्राचीन काल में इस मंदिर पर कई बार मुगलों ने आक्रमण किया था, लेकिन मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएं.

यतियों द्वारा उड़ाकर लाया गया था मंदिर

कुबेर मंदिर की पौराणिक कथा भी बेहद दिलचस्प है. कई लोगों का ऐसा मानना है कि भगवान कुबेर के इस मंदिर का निर्माण नहीं किया गया था बल्कि यह मंदिर यहां यतियों द्वारा उड़ाकर लाया गया था. एक वक्त था जब तंत्र क्रिया करने वाले यतियों को कई तरह की शक्तियां प्राप्त थी. यही कारण है कि आज भी इस मंदिर की नींव ही नहीं मिल पाई है.

कुबेर देवता के साथ महादेव और भगवान गणेश भी है विराजमान

विशेष बात यह है कि यहां कुबेर देवता के साथ महादेव का शिवलिंग और गणेश भी विराजमान हैं. साथ ही उनके पास दीवाल पर भगवान कुबेर की प्रतिमा विराजित है. बता दें कि महादेव और विघ्नहर्ता गणेश के साथ धन देवता कुबेर के विराजित होने से यह संयोग तंत्र क्रियाओं के लिए विशेष माना जाता है. बताया जाता है कि पहले इस मंदिर से कई विद्वान पंडित सिद्धियां प्राप्त कर चुके है.

धनतेरस और दिवाली के दिन लगता है श्रद्धालुओं का तांता

बता दें कि इस मंदिर के गर्भ गृह में भगवान कुबेर की पवित्र मूर्ति विराजमान है. यह मंदिर करीब 3 फीट ऊंचा है और मंदिर के दर्शन के लिए हर हजारों भक्त यहां पहुंचते हैं. खासकर धनतेरस और दिवाली के दिन यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. यहां भक्त भगवान कुबेर से आर्थिक समृद्धि की कामना करते है.

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